यह ख़बर 08 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मायावती को सुप्रीम कोर्ट से राहत, ताज कॉरिडोर मामले में नहीं होगी जांच

खास बातें

  • उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि मायावती पर उसका निर्णय केवल ताज कॉरिडोर मामले में था और न्यायालय ने बसपा सुप्रीमो पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने के आरोपों के गुण-दोष सहित अन्य पहलुओं पर गौर नहीं किया था।
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती पर उसका निर्णय केवल ताज कॉरिडोर मामले में था और न्यायालय ने बसपा सुप्रीमो पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने के आरोपों के गुण-दोष सहित अन्य पहलुओं पर गौर नहीं किया था।

प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने एक याचिका का निपटारा करते हुए यह स्पष्टीकरण दिया। याचिका में आग्रह किया गया था कि मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला खारिज करने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। पीठ ने फैसले का एक अंश पढ़ते हुए कहा, हम दोहराते हैं कि हमारा फैसला ताज कॉरिडोर मामले पर आधारित है।

बसपा ने दावा किया कि फैसले से मायावती को राहत पहुंची है। बसपा प्रमुख के वकील सतीश चंद्र मिश्र ने आदेश के बाद दावा किया कि पुनर्विचार याचिका पर विचार नहीं किया गया और सीबीआई द्वारा मायावती के खिलाफ दायर आय से अधिक संपत्ति का 'अवैध' मामला बंद होने के मुकाम पर आ गया है।

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न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के निवासी कमलेश वर्मा की पुनर्विचार याचिका पर यह आदेश दिया। न्यायालय ने एक 1 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि आय से अधिक संपत्ति का मामला इसलिए खारिज किया गया, क्योंकि सीबीआई इसके आदेशों को समझे बिना उनके खिलाफ आगे बढ़ी, जो ताज कॉरिडोर मामले तक सीमित थे।