NDTV इंडिया के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार रेमॉन मैगसेसे अवार्ड लेने के लिए फिलीपीन्स की राजधानी मनीला पहुंच चुके हैं. इस अवार्ड की घोषणा 2 अगस्त को हुई थी. NDTV के रवीश कुमार को यह सम्मान हिन्दी टीवी पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए मिला है. 'रैमॉन मैगसेसे' को एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है. यह पुरस्कार फिलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रैमॉन मैगसेसे की याद में दिया जाता है. 6 सितंबर को रवीश कुमारकी स्पीच होगी, जिसे आप NDTV इंडिया की वेबसाइट और फेसबुक पेज पर सुबह 6:30 बजे से देख सकते हैं. रवीश कुमार 'लोकतंत्र को आगे बढ़ाने में सिटिज़न जर्नलिज़्म की ताकत' विषय पर अपनी बात रखेंगे.
If you get a chance to ask 2019 Ramon Magsaysay Awardee RAVISH KUMAR (India) just one question, what will it be? His free public lecture is on 6 September. SET YOUR ALARMS! #RamonMagsaysayAward pic.twitter.com/DxNcmHHvcA
— Ramon Magsaysay Award (@MagsaysayAward) August 19, 2019
अवार्ड के लिए मनीला पहुंचने पर भारतीय छात्रों ने रवीश कुमार का स्वागत किया. 9 सितंबर को रवीश कुमार रेमॉन मैगसेसे अवार्ड से सम्मानित होंगे.
Happening Now: 2019 Ramon Magsaysay Awardee RAVISH KUMAR being welcomed at thr hotel by Indian students studying in Manila, Philippines. #RamonMagsaysayAward pic.twitter.com/grAHe326Aw
— Ramon Magsaysay Award (@MagsaysayAward) September 5, 2019
इससे पहले, रैमॉन मैगसेसे अवार्ड के ट्विटर पेज पर रवीश कुमार को अवार्ड दिए जाने की जानकारी दी गई थी,जिसमें कहा गया था कि रवीश कुमार को यह सम्मान "बेआवाज़ों की आवाज़ बनने के लिए दिया गया है..." रैमॉन मैगसेसे अवार्ड फाउंडेशन ने इस संबंध में कहा था, "रवीश कुमार का कार्यक्रम 'प्राइम टाइम' 'आम लोगों की वास्तविक, अनकही समस्याओं को उठाता है." साथ ही प्रशस्ति पत्र में कहा गया, 'अगर आप लोगों की आवाज बन गए हैं, तो आप पत्रकार हैं.'
These are the five recipients of Asia's premier prize and highest honor, the 2019 Ramon Magsaysay Awardees. #RamonMagsaysayAward pic.twitter.com/HrLG1qVt6L
— Ramon Magsaysay Award (@MagsaysayAward) August 2, 2019
रवीश कुमार ऐसे छठे पत्रकार हैं, जिन्हें यह पुरस्कार मिला है. इससे पहले अमिताभ चौधरी (1961), बी.जी.वर्गीज़ (1975), अरुण शौरी (1982), आर.के. लक्ष्मण (1984), पी. साईंनाथ (2007) को यह पुरस्कार मिल चुका है.
NDTV के लिए यह एक गौरव का दिन है. रवीश कुमार ने बहुत लंबा सफर तय किया है. बहुत नीचे से उन्होंने शुरुआत की और यहां तक पहुंचे हैं. वर्ष 1996 से रवीश कुमार NDTV से जुड़े रहे हैं. शुरुआती दिनों में वहNDTV में आई चिट्ठियां छांटा करते थे. इसके बाद वह रिपोर्टिंग की ओर मुड़े और उनकी सजग आंख देश और समाज की विडंबनाओं को अचूक ढंग से पहचानती रहीं. उनका कार्यक्रम 'रवीश की रिपोर्ट' बेहद चर्चित हुआ और हिन्दुस्तान के आम लोगों का कार्यक्रम बन गया.
बाद में एंकरिंग करते हुए उन्होंने टीवी पत्रकारिता की जैसे एक नई परिभाषा रची. इस देश में जिसे भी लगता है कि उसकी आवाज कोई नहीं सुनता है, उसे रवीश कुमार से उम्मीद होती है. टीवी पत्रकारिता के इस शोर-शराबे भरे दौर में उन्होंने सरोकार वाली पत्रकारिता का परचम लहराए रखा है. सत्ता के खिलाफ बेखौफ पत्रकारिता करते रहे. आज उनकी पत्रकारिता को एक और बड़ी मान्यता मिली है.
रवीश कुमार के अलावा वर्ष 2019 रैमॉन मैगसेसे अवार्ड के चार अन्य विजेताओं में म्यांमार से को स्वे विन, थाईलैंड से अंगखाना नीलापजीत, फिलीपींस से रेमुंडो पुजांते कैयाब और दक्षिण कोरिया से किम जोंग हैं.
चिट्ठियां छांटने से लेकर पत्रकारिता के शिखर पर पहुंचने तक उनका सफर
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