इलाहाबाद:
भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्म शताब्दी की शुरुआत इलाहाबाद के उस स्वराज भवन में उनके दुर्लभ चित्रों की प्रदर्शनी के साथ हो रही है, जहां उनका जन्म हुआ, जहां उन्होंने पहली बार चलना सीखा, जहां उन्होंने राजनीति का ककहरा पढ़ा, जहां से उन्होंने आज़ादी की लड़ाई को नज़दीक से देखा... यह वही स्वराज भवन है, जो आज भी इंदिरा के पुत्रों राजीव और संजय की की यादों को सहेजे अपने मूल वजूद के साथ खड़ा है... इसी स्वराज भवन से इंदिरा गांधी के जन्म शताब्दी वर्ष का आग़ाज़ किया जा रहा है...
इस चित्र प्रदर्शनी में 220 ऐसे चित्र लगाए गए हैं, जिनमें इंदिरा गांधी के जन्म से लेकर अंत समय तक के सम्पूर्ण जीवन को सहेजा गया है... जैसे - माता-पिता के साथ खड़ी नन्ही इंदिरा, स्कूली दिनों की इंदिरा, शादी के समय की इंदिरा, हनीमून के समय इंदिरा, पिता जवाहर के साथ लोगों से मिलती इंदिरा, मंदिरों में शीश नवाती इंदिरा...
यहां दिखी हर तस्वीर अलग ही कहानी बयां कर रही है... इन तस्वीरों और इस प्रदर्शनी को सहेजने के लिए एक संस्था एका आर्काइव को ज़िम्मेदारी दी गई थी, जिसकी क्यूरेटर दीप्ति बताती हैं कि इन 220 तस्वीरों को 90,000 तस्वीरों में से बड़ी शिद्दत के साथ छांटा गया है... ये तस्वीरें इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के पास थीं, जिन्हें अलग-अलग समय में देश के कई फोटोग्राफरों ने खींचा था...
एक तस्वीर में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी - यानी देश के तीन प्रधानमंत्री - एक साथ दिखाई दे रहे हैं...
इन तस्वीरों को उनके मूल स्वरूप को बचाते हुए प्रदर्शनी के लिए तैयार किया गया है... इनमें से 80 फीसदी तस्वीरें ऐसी हैं, जिन्हें लोग पहली बार देख पाएंगे... यह प्रदर्शनी सालभर में पांच अलग-अलग शहरों में घूमेगी और अगले वर्ष नई दिल्ली में इसका समापन होगा...
यहां दिखी हर तस्वीर अलग ही कहानी बयां कर रही है... इन तस्वीरों और इस प्रदर्शनी को सहेजने के लिए एक संस्था एका आर्काइव को ज़िम्मेदारी दी गई थी, जिसकी क्यूरेटर दीप्ति बताती हैं कि इन 220 तस्वीरों को 90,000 तस्वीरों में से बड़ी शिद्दत के साथ छांटा गया है... ये तस्वीरें इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के पास थीं, जिन्हें अलग-अलग समय में देश के कई फोटोग्राफरों ने खींचा था...
एक तस्वीर में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी - यानी देश के तीन प्रधानमंत्री - एक साथ दिखाई दे रहे हैं...
इन तस्वीरों को उनके मूल स्वरूप को बचाते हुए प्रदर्शनी के लिए तैयार किया गया है... इनमें से 80 फीसदी तस्वीरें ऐसी हैं, जिन्हें लोग पहली बार देख पाएंगे... यह प्रदर्शनी सालभर में पांच अलग-अलग शहरों में घूमेगी और अगले वर्ष नई दिल्ली में इसका समापन होगा...
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