नई दिल्ली:
बाबा रामदेव ने उनके अनशन में साम्प्रदायिक रंग होने के आरोपों को पुरज़ोर तरीके से खारिज करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या भाजपा के नहीं, बल्कि देश के 120 करोड़ लोगों के एजेंट हैं। सुबह रामदेव के अनशन शुरू करने के मौके पर तेजतर्रार और चरमपंथी छवि वाली हिंदू प्रचारक साध्वी ऋतंभरा की मंच पर योगगुरु के साथ मौजूदगी पर कांग्रेस और अन्ना हजारे के सहयोगियों सहित कई वर्ग से आलोचनाएं हुई थी। रामदेव ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का नाम लिए बिना कहा, कुछ लोगों ने मुझ पर संघ और भाजपा का एजेंट होने के आरोप लगाए हैं लेकिन मैं किसी दल या संगठन का नहीं, बल्कि पूरे भारत के 120 करोड़ लोगों और किसानों, मजदूरों, गरीबों का एजेंट हूं। उन्होंने मंच पर हिंदू संतों के साथ ही मुस्लिम मौलवियों, ईसाई पादरियों और जैन मुनियों की मौजूदगी के बीच कहा, अगर संघ मेरे अनशन का समर्थन कर रहा है तो जमीयत उलेमा ए हिंद जैसे मुस्लिम संगठन भी मेरे साथ हैं। रामदेव ने रामलीला मैदान के मंच से कहा कि जो लोग संत समाज पर टिप्पणी कर रहे हैं, उनका मानसिक संतुलन खो गया है और उनकी मंशा ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि वह साध्वी ऋतंभरा को बीते 15 वर्ष से जानते हैं। उन्होंने कहा, मैंने अपनी तरफ से किसी पार्टी या व्यक्ति पर प्रहार नहीं किया और न ही करूंगा। लेकिन अगर कोई बेवजह मुझ पर प्रहार करे तो मैं चुप नहीं रहूंगा। अनशन के लिए ऐतिहासिक रामलीला मैदान में इतनी बड़ी व्यवस्था और पांच सितारा पंडाल पर उठे सवालों पर बाबा ने कहा, सारी व्यवस्था स्थानीय लोगों की मदद से हुई है और क्या 45 डिग्री के तापमान में मैं अनशन पर देशभर से आए लोगों को धूप में बैठने देता। रामदेव ने यह भी दावा किया कि उन्हें डराने की कोशिशें हो रही हैं लेकिन वह डरते नहीं हैं। अगर वह डरते तो रामलीला मैदान पर अनशन करने नहीं आते।
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