राम मंदिर के 2,000 फीट नीचे जमीन में दबाया जाएगा एक टाइम कैप्सूल, इसलिए लिया जा रहा है यह फैसला

राम मंदिर की जिम्मेदारी संभाल रहे राम जन्मभूमिक तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने रविवार को बताया कि राम मंदिर के हजारों फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल दबाया जाएगा, ताकि भविष्य में मंदिर से जुड़े तथ्यों को लेकर कोई विवाद न रहे.

राम मंदिर के 2,000 फीट नीचे जमीन में दबाया जाएगा एक टाइम कैप्सूल, इसलिए लिया जा रहा है यह फैसला

5 अगस्त को मंदिर के भूमि पूजन की है योजना, पीएम मोदी के शामिल होने की खबर.

खास बातें

  • राम मंदिर को लेकर नई योजना आई सामने
  • हजारों फीट नीचे टाइम कैप्सूल दबाया जाएगा
  • कैप्सूल में दर्ज होगा मंदिर का इतिहास और तथ्य
पटना:

राम मंदिर (Ram Mandir Construction) की जिम्मेदारी संभाल रहे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Janmabhoomi Teertha Kshetra Trust) के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने रविवार को बताया कि राम मंदिर के हजारों फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल दबाया जाएगा, ताकि भविष्य में मंदिर से जुड़े तथ्यों को लेकर कोई विवाद न रहे. इस कैप्सूल में मंदिर का इतिहास और इससे जुड़े तथ्यों के बारे में जानकारी होगी. कामेश्वर चौपाल ने न्यूज़ एजेंसी ANI से कहा, 'राममंदिर को लेकर चले संघर्ष और सुप्रीम कोर्ट में लंबे संघर्ष ने वर्तमान की और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख दी है. राम मंदिर निर्माण स्थल के 2,000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी राम मंदिर के इतिहास का अध्ययन करना चाहेगा तो उसे राम जन्मभूमि से जुड़े तथ्य मिल जाएंगे और इससे कोई नया विवाद पैदा नहीं होगा.' उन्होंने बताया कि कैप्सूल को एक ताम्र पत्र के अंदर रखा जाएगा. 

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ट्रस्ट में इकलौते दलित सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के लिए देश की कई ऐसी पवित्र नदियों से, जहां माना जाता है कि भगवान राम के चरण पड़े थे, जल और कई तीर्थों से मिट्टी लाई जा रही है. पवित्र जल से भूमि पूजन के दौरान अभिषेक किया जाना है.

ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां 5 अगस्त को भूमि पूजन करेंगे और नींव की ईंट रखेंगे. कहा जा रहा है कि इस समारोह में कई राज्यों के मुख्यमंत्री, कैबिनटे मंत्री और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत उपस्थित रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक, भूमि पूजन को दीवाली की तरह मनाए जाने की योजना है. कहा जा रहा है कि इस दिन पूरे देश में सभी घरों और मंदिरों को दियों और मोमबत्ती से सजाने का आयोजन किया जाएगा. 

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ट्रस्ट ने पिछले हफ्ते अपनी दूसरी बैठक की थी. इस साल मार्च में 'राम लला' की मूर्ति को एक अस्थायी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को केंद्र सरकार को यह जमीन निर्माण के लिए देने को कहा था, इसकी जिम्मेदारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दी गई है. 

Video: राम - भगवान भी, राजा भी, संत भी

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