राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को हत्यारे AG पेरारीवलन (AG Perarivalan) की दया याचिका राज्यपाल के पास दो साल से लंबित रहने पर नाराजगी जताई. शीर्ष अदालत ने इस संबंध में तमिलनाडु सरकार से कई सवाल पूछे हैं. SC ने कहा- 'हम अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हम इस बात से खुश नहीं हैं कि यह सिफारिश दो साल से लंबित है. हमें बताएं कि कानून और मामले क्या हैं जो हमें ऐसा करने की अनुमति दे सकते हैं.'
SC ने सरकार को कहा कि 'शत्रुघ्न चौहान फैसले को देखें, कुछ शोध करें और हमें बताएं.' अदालत ने तमिलनाडु सरकार से पूछा कि 'राज्यपाल को इतना समय क्यों लग रहा है? क्या आप उन्हें नहीं बता सकते?'
तमिलनाडु सरकार ने अदालत के सामने अपने जवाब में कहा कि 'यह बड़ी साजिश का मामला है, इसलिए राज्यपाल सीबीआई की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.' इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बड़ी साजिश केवल अन्य व्यक्तियों के शामिल होने से संबंधित है. इसलिए मामले की फाइल में देखा जाना चाहिए. पेरारीवलन के वकील ने कहा कि संविधान पीठ के फैसले के बारे में जो SC को हस्तक्षेप करने की अनुमति देता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार गवर्नर से एकबार फिर से सिफारिश करे कि पहले की गई सिफारिश पर गवर्नर फैसला लें. बता दें कि राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की सिफारिश पर गवर्नर ने दो साल से कोई फैसला नहीं लिया है.
शीर्ष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी पेरारीवलन की परोल मामले पर सुनवाई टाल दी है. अगली सुनवाई 23 नवंबर तक होगी.
Video: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- NDPS ऐक्ट में पुलिस को दिया बयान सबूत नहीं
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