पायलट की "घर वापसी" से बढ़ी गहलोत की ताकत, राजस्थान सरकार ने हासिल किया विश्वास मत; 10 अहम बातें

Rajasthan Floor Test: राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार ने आज बहुमत साबित कर दिया है.

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Rajasthan Floor Test: गहलोत सरकार ने विश्वास मत हासिल किया (फाइल फोटो)

जयपुर : Rajasthan Floor Test: करीब एक महीने तक चली सियासी खींचतान (Rajasthan Crisis) और बगावत के थमने के बाद राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार ने आज बहुमत साबित कर दिया है. मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सुलह के बाद विश्वास प्रस्ताव (Confidence Motion) पेश किया गया. शुक्रवार को विधानसभा का सत्र शुरू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा, "विधानसभा का सत्र आज से शुरू हो गया है. इसमें राजस्थान के लोगों और कांग्रेस विधायकों की एकता की जीत होगी. यह सच की जीत होगी. सत्यमेव जयते." 

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान बीजेपी (BJP) ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) का जिक्र किया. इस पर सचिन पायलट ने बीच में टोकते हुए कहा 'वह (राजेंद्र राठौड़) बार- बार मेरा नाम ले रहे हैं. मैंने सोचा कि हमारे अध्यक्ष व मुख्य सचेतक ने मेरी सीट यहां क्यों रखी है? मैंने दो मिनट सोचा और फिर देखा कि यह सरहद है एक तरफ पक्ष है और दूसरी तरफ विपक्ष.... तो सरहद पर किसको भेजा जाता है.  सबसे मजबूत योद्धा को भेजा जाता है.' 

  2. विश्‍वास मत पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनी हुई सरकारों को गिराने की कोशिश की जा रही है. सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली. प्रधानमंत्री कहते हैं कि राजस्थान से अन्य राज्यों को प्रेरणा लेनी चाहिए. देश में पॉलिटिकल पार्टी में कई बार मतभेद हो जाते हैं. आपकी पार्टी में भी वसुंधरा राजे के शासन में ऐसा हुआ. राजस्थान में फोन टेपिंग को परम्परा नहीं रही, न ही फोन टेपिंग हुई. उन्‍होंने कहा कि षड्यंत्र आपकी पार्टी और आपके हाईकमान का था.

  3. सचिन पायलट की 'घर वापसी' से गहलोत खेमे को काफी मजबूती मिली है. सचिन पायलट की बगावत के बाद से ही गहलोत सरकार पर संकट मंडराने लगा था. सीएम गहलोत और सचिन पायलट ने गुरुवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक में एक-दूसरे से हाथ मिलाया और जीत का संकेत भी दिया. 

  4. गहलोत के पास 125 विधायकों का समर्थन है, जो कि 200 सदस्यीय विधानसभा में 101 के बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा है. बागी विधायकों की वापसी से पहले गहलोत खेमे के पास 102 विधायक थे. 

  5. सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विश्‍वास प्रस्ताव पेश किया किया. प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए धारीवाल ने कहा कि केंद्र की सरकार के इशारों पर मध्य प्रदेश व गोवा में चुनी हुई सरकारों को गिराया गया है. धारीवाल ने कहा कि धन बल व सत्ता बल से सरकारें गिराने की यह साजिश राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाई.

  6. राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने विश्वास मत हासिल के बाद कहा कि हमने राजस्थान में बीजेपी को हरा दिया है. पूरी पार्टी एकजुट है. बीजेपी का षड्यंत्र कामयाब नहीं हुआ है. सचिन पॉयलट को लेकर कोई नाराज़गी नहीं है. पार्टी आलाकमान के कहने पर सब संभव हुआ है. 

  7. मुख्यमंत्री गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, 'जो बातें हुईं, उन्हें अब भूल जाओ. हम इन 19 विधायकों के बिना भी बहुमत साबित कर देते लेकिन फिर वह खुशी नहीं मिलती क्योंकि अपने तो अपने होते हैं. हम विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाएंगे.'

  8. राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, "हम कोरोना जैसे आम आदमी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं. हमारे पास संख्या बल नहीं है. यह स्पष्ट है. हम मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. हमारी पर्दे के पीछे की कोई रणनीति नहीं है.

  9. बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने कांग्रेस में विलय कर चुके अपने 6 विधायकों को व्हिप जारी किया था. BSP ने व्हिप में विधायकों से विश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस के ख़िलाफ़ वोट करने को कहा था. बीएसपी की ओर से व्हिप में कहा गया कि अगर विधायक व्हिप नहीं मानेंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी.

  10. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राहत देते हुए विधायकों के विलय के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था. बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय करने के मामले में शीर्ष न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि फिलहाल हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है. हम इस मामले में दखल नहीं देंगे. बीएसपी से कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायक विधानसभा सत्र में भाग ले सकेंगे.