राजस्‍थान में सियासी संकट के बीच मजबूत होते जा रहे CM गहलोत, नजर सचिन पायलट के अगले कदम पर

पायलट ने 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया जबकि माना जा रहा है कि यह संख्‍या 20 के आसपास है. इसके मायने यह है कि जरूरत पड़ने पर श्री गहलोत विश्वास मत जीत सकते हैं. कांग्रेस के सूत्रों ने कल NDTV को बताया कि "सरकार के लिए खतरे का स्तर इस समय नीचे है."

राजस्‍थान में सियासी संकट के बीच मजबूत होते जा रहे CM गहलोत, नजर सचिन पायलट के अगले कदम पर

राजस्‍थान के सियासी संकट में अशोक गहलोत इस समय चुनौती का सामना कर रहे हैं

नई दिल्‍ली :

Rajasthan Political crisis: राजस्‍थान में कांग्रेस का सियासी संकट अभी तक हल नहीं हो सका है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) से पार्टी के साथ पार्टी के साथ मतभेदों को निपटाने के 'गांधी परिवार' के तमाम प्रयासों के बावजूद पायलट अपने रुख पर फिलहाल अडिग हैं. कांग्रेस के सूत्रों ने NDTV को बताया कि सप्ताहांत में, प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने पायलट को तीन बार फोन किया लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पार्टी के पहले परिवार के साथ पायलट के व्यक्तिगत रिश्‍तों का जिक्र करते हुए कहा, "वह बिजनेस क्‍लास से हैं" कई प्रेस कॉन्फ्रेंसों में, कांग्रेस प्रवक्ता आरएस सुरजेवाला ने पायलट के लिए गांधी परिवार (Gandhi Family) में मन में उच्‍च सम्‍मान होने का जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि वे उन्‍हें परिवार के सदस्‍य की तरह मानते हैं.

रविवार से पायलट दिल्ली के नजदीक गुरुग्राम से सटे एक रिसॉर्ट में हैं. वे अपने लगभग 20 समर्थक विधायकों के साथ आगे की रणनीति के बारे में विचार करने में जुटे हैं. पायलट ने ऐसी किसी भी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोट करने की बात नही है. सीएम का पद तो अभी अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के पास है, कांग्रेस के इस दिग्‍गज नेता पर पायलट ने उन्‍हें दरकिनार करने और कअपमानित करने का आरोप लगाया है. राजस्‍थान में गहलोत के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार ने दिसंबर 2018 में कार्यभार संभाला था. पायलट ने उस समय भी कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए क्योंकि विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत उनकी कड़ी मेहनत के कारण हुई. राजस्थान में तत्‍कालीन कांग्रेस प्रमुख पायलट ने तब कहा था कि उन्‍होंने पार्टी कैडर को मजबूत बनाया और वोटरों को बीजेपी छोड़ने के लिए राजी किया गया. हालांकि गहलोत के पक्ष में ज्‍यादातर विधायकों का समर्थन था. राहुल गांधी ने दोनों के मतभेदों को दूर करते हुए गहलोत को सीएम और पायलट डिप्‍टी सीएम बनाने के रूप सहमति दी लेकिन यह व्‍यवस्‍था 'शांति कायम' करने में नाकाम रही. गहलोत की सरकार को अस्थिर करने के पायलट के कथित प्रयासों को लेकर फिर दोनों नेताओं के बीच के बीच ठन गई. राज्‍य पुलिस ने जो कि गहलोत को रिपोर्ट करती ने इस मामले में पायलट से उनके रोल को बारे में जानकारी देने का कहा जो उन्‍हें नागवार गुजरा. फिर क्‍या था पायलट ने हस्तक्षेप की मांग लेकर जयपुर से दिल्ली कूच किया.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

पायलट ने 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया जबकि माना जा रहा है कि यह संख्‍या 20 के आसपास है. इसके मायने यह है कि जरूरत पड़ने पर श्री गहलोत विश्वास मत जीत सकते हैं. कांग्रेस के सूत्रों ने कल NDTV को बताया कि "सरकार के लिए खतरे का स्तर इस समय नीचे है." इस बात को गहलोत की ओर से पायलट पर निशाना साधने से भी समझा जा सकता है. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने भी कहा कि यह सुलह चाहता है. सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी अभी भी पायलट को पार्टी में बनाए रखने के लिए उत्सुक हैं और उन्होंने गहलोत को बयानबाजी कम करने का कहा है. सीएम गहलोत ने बुधवार को कहा था कि नेता बनने के लिए हैंडसम होना और अच्‍छी अंग्रेजी बोलना जरूरी नहीं होता.पायलट के लिए तत्कालिक चुनौती 19 विधायकों के साथ एक विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने की है. स्‍पीकर की से इन विधायकों को नोटिस भेजा गया है और अपना पक्ष स्‍पष्‍ट करने को कहा गया है.