राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर में 100 नवजातों की मौत पर सीएम अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने एक बाद एक ट्वीट कर जवाब दिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, ''कोटा के अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है. हम आगे भी इसे कम करने का प्रयास करेंगे''. उन्होंने कहा, ''मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है''.
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अशोक गहलोत ने इस मामले पर लगातार 3 ट्वीट किए. अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है. हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे. मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है''.
जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे। मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 2, 2020
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इसके बाद उन्होंने सरकार के काम के बारे में बताते हुए लिखा, ''राजस्थान में सर्वप्रथम बच्चों के ICU की स्थापना हमारी सरकार ने 2003 में की थी. कोटा में भी बच्चों के ICU की स्थापना हमने 2011 में की थी''. अपने तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है. हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इम्प्रूवमेंट के लिये तैयार हैं. निरोगी राजस्थान हमारी प्राथमिकता है. मीडिया किसी भी दबाव में आये बिना तथ्य प्रस्तुत करे''.
राजस्थान में सर्वप्रथम बच्चों के ICU की स्थापना हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में भी बच्चों के ICU की स्थापना हमने 2011 में की थी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 2, 2020
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स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है। हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इम्प्रूवमेंट के लिये तैयार हैं। #NirogiRajasthan हमारी प्राथमिकता है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 2, 2020
मीडिया किसी भी दबाव में आये बिना तथ्य प्रस्तुत करे, स्वागत है।
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गौरतलब है कि दिसंबर के आखिरी 2 दिनों में कोटा के जेके लोग अस्पताल में 9 नवजातों की मौत हो गई थी. वहीं इससे पहले 23 और 24 दिसंबर को भी अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत हुई थी. कोटा में केवल दिसंबर में ही 100 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है. अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें हुई हैं. अस्पताल के अधीक्षक के अनुसार अधिकतर शिशुओं की मौत जन्म के समय कम वजन के कारण हुई.
बता दें, 31 दिसंबर को लॉकेट चटर्जी, कांता कर्दम और जसकौर मीणा समेत बीजेपी के सांसदों के एक संसदीय दल ने अस्पताल का दौरा कर उसकी हालत पर चिंता जतायी थी. दल ने कहा कि एक ही बेड पर दो-तीन बच्चे थे और अस्पताल में पर्याप्त नर्सें भी नहीं हैं. इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य की कांग्रेस सरकार को नोटिस जारी किया था. आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा था, "अस्पताल परिसर में सुअर घूमते पाए गए."
बता दें कि कोटा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संसदीय क्षेत्र भी है. बीती महीने उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस विषय की जांच-पड़ताल कराने और आवश्यक मेडिकल इंतजाम करने के लिए चिट्ठी लिखी थी.
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