राजस्थान में अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को न सरकारी बंगला मिलेगा न कार और न स्टाफ. राजस्थान हाईकोर्ट ने आज राजस्थान मंत्री संशोधन वेतन अधिनियम 2017 को अवैध करार दे दिया. इस अधिनियम में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला, आईएएस रैंक का प्राईवेट सेक्रेट्री समेत स्टाफ और कार जैसी सुविधाएं दी गई हैं. अब हाईकोर्ट ने इस अधिनियम को रद्द कर कहा कि पूर्व सीएम को कोई सुविधा नहीं दी जा सकती हैं, न ही सरकारी बंगला.
इसका सबसे अधिक असर असर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे पर पड़ेगा. राजे ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ने से पहले दिसंबर 2018 में खुद के लिए मुख्यमंत्री अवास को ही पूर्व सीएम बंगले के रूप में खुद को आंवटित कर दिया था. राजे अब उसी बंगला में रह रही हैं जिसमें वे बतौर सीएम रह रही थीं.
वसुंधरा राजे के पास पीएस समेत 10 कर्मचारियों का स्टाफ भी है. अब बंगला समेत सब कुछ छोड़ना पड़ सकता है. राजे के अलावा एक ओर पूर्व सीएम जगन्नाथ पहाड़िया के पास भी बंगला समेत अन्य सुविधाएं हैं.
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