प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्लीः:
ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के आह्वान पर रेल मंत्रालय के दिनांक 30 जनवरी, 2017 के आदेश के पैरा 4 मे पारित आदेश, जिसमें कि रेलवे के सभी सुरक्षा कोटे में ग्रेड-पे रुपये 4200 व उससे ऊपर के ग्रेडों में कार्यरत सुपरवाईजर्स, 31 मार्च 2017 के बाद अब यूनियन के पदाधिकारी नहीं रह सकते को अभी तक निरस्त न किए जाने तथा रेलकर्मियों की जायज लम्बित मांगों को लेकर एआईआरएफ के संबद्ध सभी यूनियनों ने आगे की रणनीति की कड़ी में 23 मार्च को पूरे भारतीय रेलवे के सभी मंडल मुख्यालयों, पर रेल प्रषासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरना एवं विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया.
एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि 30 जनवरी 2017 के तुगलकी फरमान को अभी तक वापस न लिए जाने, ‘‘ट्रेड यूनियन एक्ट‘‘ का उल्लंघन करने तथा रेलकर्मियों की जायज मांगों जिनपर एआईआरएफ के साथ पूर्व में पूर्ण सहमति बन चुकी थी, उनको भी लागू करने में टाल-मटोल का रवैया अपनाये जाने से रेलकर्मियों में काफी रोष है जिसकी वजह से एआईआरएफ के सभी संबद्ध यूनियनों ने 16 मार्च को पूरे भारतीय रेलवे की सभी शाखा मुख्यालयों, पर रेल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विशाल धरना एवं प्रदर्शन का आयोजन किया था और आज 23 मार्च को उसी कड़ी मे लिए गए निर्णय के अनुपालन में पूरे भारतीय रेलवे के सभी मंडल मुख्यालयों पर विशाल और प्रचंड धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है.
मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर रेल कर्मियों के उग्र तेवर को देखते हुए रेल मंत्रालय ने फिलहाल 30 जनवरी 2017 के आदेश को 31 मार्च से लागू करने के अपने निर्णय को तीन महीने के लिए टाल दिया है और इस बीच बात-चीत से रास्ता निकालने का विकल्प तलाशने के लिए कहा गया है.
एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि 30 जनवरी 2017 के तुगलकी फरमान को अभी तक वापस न लिए जाने, ‘‘ट्रेड यूनियन एक्ट‘‘ का उल्लंघन करने तथा रेलकर्मियों की जायज मांगों जिनपर एआईआरएफ के साथ पूर्व में पूर्ण सहमति बन चुकी थी, उनको भी लागू करने में टाल-मटोल का रवैया अपनाये जाने से रेलकर्मियों में काफी रोष है जिसकी वजह से एआईआरएफ के सभी संबद्ध यूनियनों ने 16 मार्च को पूरे भारतीय रेलवे की सभी शाखा मुख्यालयों, पर रेल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विशाल धरना एवं प्रदर्शन का आयोजन किया था और आज 23 मार्च को उसी कड़ी मे लिए गए निर्णय के अनुपालन में पूरे भारतीय रेलवे के सभी मंडल मुख्यालयों पर विशाल और प्रचंड धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है.
मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर रेल कर्मियों के उग्र तेवर को देखते हुए रेल मंत्रालय ने फिलहाल 30 जनवरी 2017 के आदेश को 31 मार्च से लागू करने के अपने निर्णय को तीन महीने के लिए टाल दिया है और इस बीच बात-चीत से रास्ता निकालने का विकल्प तलाशने के लिए कहा गया है.
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