चंडीगढ़:
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में किसान सुरजीत सिंह के घर गए। सुरजीत सिंह 28 अप्रैल को सरहिंद की अनाज मंडी में राहुल गांधी से मिले थे और किसानों का हाल बताया था, लेकिन इसके एक महीने बाद उन्होंने कर्ज से तंग आकर 10 जून को ख़ुदकुशी कर ली थी।
अभी ज़्यादा दिन नहीं बीते जब इस किसान ने अपनी बिरादरी का हाल पुरज़ोर तरीके से कांग्रेस उपाध्यक्ष के सामने रखा था। उनकी तस्वीरें अख़बारों की सुर्खियां बनीं, लेकिन बर्बाद फसलों का न तो कोई मुआवज़ा मिला और न ही क़र्ज़ माफ़ी का भरोसा।
मृतक किसान के बेटे कुलविंदर सिंह ने बताया कि सरकार का कोई मंत्री नहीं आया और न ही कोई अफसर, वो तो नगर कीर्तन निकाल रहे हैं, किसान की सुध लेने के लिए उनके पास टाइम नहीं है।
सुरजीत के परिवार को मलाल है कि सरकार का कोई नुमाइंदा उनका हाल पूछने नहीं आया। वैसे बादल सरकार के पास इन दिनों फुर्सत है भी नहीं। पूरा अमला आनंदपुर साहिब की स्थापना की 350वीं जयंती पर जलसे की तैयारी में जुटा है। 19 जून को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम पर करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं।
अकाली दल की नज़र 2017 में विधानसभा चुनाव पर है। बुधवार को आनंदपुर साहिब में महिला अकाली दल के सम्मलेन में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपने इरादे साफ़ कर दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता हासिल किए बगैर धर्म की रक्षा नहीं की जा सकती है।
पंजाब में बेमौसम बरसात के चलते करीब 7 लाख एकड़ में लगी फसलों को नुकसान हुआ था। बादल सरकार ने केंद्र से 10 हज़ार रुपये प्रति एकड़ मुआवज़े की मांग की थी, मोदी सरकार ने सहायता राशि तो बढ़ा दी, लेकिन किसानों को कुछ नहीं मिला।
फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेसी विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि बादल सरकार ने अपनी तरफ से 3 हज़ार रुपये मुआवज़ा राशि का ऐलान किया था, लेकिन किसी को नहीं मिला। पहले सरकार आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार को 2 लाख रुपये की मदद देती थी, अब वो भी बंद कर दी है।
डेढ़ महीने के भीतर राहुल गांधी का ये दूसरा पंजाब दौरा है। कांग्रेस अध्यक्ष किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी और बादल सरकार को घेर रहे हैं। उनकी इस कोशिश को कांग्रेस पार्टी में नई जान फूंकने की कवायद भी माना जा रहा है।
अभी ज़्यादा दिन नहीं बीते जब इस किसान ने अपनी बिरादरी का हाल पुरज़ोर तरीके से कांग्रेस उपाध्यक्ष के सामने रखा था। उनकी तस्वीरें अख़बारों की सुर्खियां बनीं, लेकिन बर्बाद फसलों का न तो कोई मुआवज़ा मिला और न ही क़र्ज़ माफ़ी का भरोसा।
मृतक किसान के बेटे कुलविंदर सिंह ने बताया कि सरकार का कोई मंत्री नहीं आया और न ही कोई अफसर, वो तो नगर कीर्तन निकाल रहे हैं, किसान की सुध लेने के लिए उनके पास टाइम नहीं है।
सुरजीत के परिवार को मलाल है कि सरकार का कोई नुमाइंदा उनका हाल पूछने नहीं आया। वैसे बादल सरकार के पास इन दिनों फुर्सत है भी नहीं। पूरा अमला आनंदपुर साहिब की स्थापना की 350वीं जयंती पर जलसे की तैयारी में जुटा है। 19 जून को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम पर करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं।
अकाली दल की नज़र 2017 में विधानसभा चुनाव पर है। बुधवार को आनंदपुर साहिब में महिला अकाली दल के सम्मलेन में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपने इरादे साफ़ कर दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता हासिल किए बगैर धर्म की रक्षा नहीं की जा सकती है।
पंजाब में बेमौसम बरसात के चलते करीब 7 लाख एकड़ में लगी फसलों को नुकसान हुआ था। बादल सरकार ने केंद्र से 10 हज़ार रुपये प्रति एकड़ मुआवज़े की मांग की थी, मोदी सरकार ने सहायता राशि तो बढ़ा दी, लेकिन किसानों को कुछ नहीं मिला।
फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेसी विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि बादल सरकार ने अपनी तरफ से 3 हज़ार रुपये मुआवज़ा राशि का ऐलान किया था, लेकिन किसी को नहीं मिला। पहले सरकार आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार को 2 लाख रुपये की मदद देती थी, अब वो भी बंद कर दी है।
डेढ़ महीने के भीतर राहुल गांधी का ये दूसरा पंजाब दौरा है। कांग्रेस अध्यक्ष किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी और बादल सरकार को घेर रहे हैं। उनकी इस कोशिश को कांग्रेस पार्टी में नई जान फूंकने की कवायद भी माना जा रहा है।
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