नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान रैली की। इस रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि किसानों ने देश को मजबूती दी है। सोनिया गांधी ने कहा कि हम यहां इस लिए इकट्ठा हुए हैं ताकि पीएम मोदी को संदेश दे सकें कि अब बहुत हो चुका है और अब मजदूरों किसानों को नजरअंदाज नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार किसानों को गुमराह करने और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है। सोनिया ने कहा, आज सरकार ने 2013 के कानून जो बदलाव किए हैं वह उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाएगा।
देश के किसान, मजदूर, गरीब को मोदी सरकार जमीन से दूर करना चाहती है। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एमएसपी को न के बराबर बढ़ाया और केंद्र के इशारे पर राज्यों ने बोनस भी खत्म कर दिया जो पहले एमएसपी के अलावा दिया जाता था। ऐसा लग रहा है जैसे जख्म पर नमक छिड़कने की कोशिश हो रही है।
अपने संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि किसानों ने देश को मजबूती दी है। सोनिया गांधी ने कहा कि हम यहां इस लिए इकट्ठा हुए हैं ताकि पीएम मोदी को संदेश दे सकें कि अब बहुत हो चुका है और अब मजदूरों किसानों को नजरअंदाज नहीं होने देंगे।
देश के किसान, मजदूर, गरीब को मोदी सरकार जमीन से दूर करना चाहती है। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एमएसपी को न के बराबर बढ़ाया और केंद्र के इशारे पर राज्यों ने बोनस भी खत्म कर दिया जो पहले एमएसपी के अलावा दिया जाता था। ऐसा लग रहा है जैसे जख्म पर नमक छिड़कने की कोशिश हो रही है।
सोनिया गांधी ने कहा कि रामलीला मैदान की किसान रैली से हमें नई ऊर्जा मिली है। उनका कहना है कि मोदी सरकार मानवीय मूल्यों को खत्म कर रही है। कांग्रेस पार्टी प्रमुख ने कहा कि किसानों की आवाज न दबी है, न दबेगी। उनका दावा है कि कांग्रेस पार्टी अपने प्रयासों में कमी नहीं आने देगी।
सोनिया गांधी ने कहा कि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से सरकार गेहूं मंगा रही है, जबकि देश का किसान बदहाल है। मोदी सरकार के कानून से आदिवासियों और वनवासियों के अधिकारों का हनन होगा।
सोनिया गांधी ने कहा कि किसानों की फसल की सही कीमत नहीं मिल रही है। हमने किसानों का 70 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की कथनी और करनी मे अंतर है।
सोनिया गांधी का कहना है कि देश के किसान मोदी सरकार की चाल समझ चुके हैं। उनका कहना है कि नए कानून से आदिवासियों का भी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को अब केंद्र सरकार को यह संदेश देना है कि अब बहुत हो चुका है। उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज न दबी है और न दबेगी...
रैली को संबोधित करते हुए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आज किसान और मजदूर घबराया हुआ है। घबराहट के दो कारण हैं: पहला कारण कि हिन्दुस्तान की सरकार किसान-मजदूर को भूल गई है और उद्योगपतियों की सरकार हो गई है। दूसरा कारण है, भूमि अधिग्रहण बिल।
राहुल गांधी ने कहा कि आईटी और उद्योगों से पहले किसानों ने भारत के विकास की नींव रखी और हिन्दुस्तान को भोजन दिया। उन्होंने कहा कि भारत में जो कुछ बना वह किसान की मेहनत पर बना है। किसान को अपनी जमीन जाने का डर सता रहा है। बेटी की शादी की चिंता है। उन्होंने कहा कि मैं गांवों में गया, देखा कैसे किसान परेशान है। बुंदेलखंड में गया, विदर्भ गया... वहां पर केंद्र की पिछली मनमोहन सिंह सरकार ने पैकेज भेजा था।
राहुल गांधी ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों की लड़ाई हम लड़ेंगे और जीतेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार गरीबों के लिए बननी चाहिए। सरकार को किसान को नहीं भूलना चाहिए।
राहुल ने मोदी जी के विदेश में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि हिन्दुस्तान का कचड़ा साफ कर रहा हूं, यह पीएम के कद को शोभा नहीं देता और न ही हिन्दुस्तान के लिए ठीक है।
भट्टा परसौल का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि वहां के किसानों के साथ मेरी दोस्ती है। मायावती की सरकार की बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे जमीन लेती जा रही थीं, उद्योगपतियों के लिए। राहुल गांधी ने कहा कि दो साल बाद हमने बिल पास किया। उन्होंने कहा कि तब बीजेपी ने बिल पास किया और अब अध्यादेश के जरिए बिल पास कर रहे हैं क्यों...
राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों की मदद की और एमएसपी बढ़ाई। आज वह वहीं पर है, सिंचाई का बजट कम कर दिया गया है, कृषि विकास का बजट कम कर दिया है। मोदी सरकार किसानों का बजट क्यों कम रही है ताकि किसान कमजोर हो।
राहुल ने कहा कि जमीन सोना है आने वाले साल में जमीन का दाम सोने से ज्यादा होगा। उन्होंने पीएम मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि मोदी जी ने उद्योगपतियों से कर्ज लिया है, विज्ञापनों के लिए। अब मोदी जी गुजरात का काम पूरे देश में करने जा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को कमजोर करना चाहते हैं।
राहुल गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस ने बाजार रेट से चार गुणा जमीन का भाव तय किया। उन्होंने कहा कि ऑडिट कराने की बात भी कही... कानून लागू नहीं होने पर अफसर पर कार्रवाई की बात कही थी, जिसे बीजेपी ने खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा कि जमीन लेने के पांच साल में अगर काम नहीं होता तो जमीन वापस किसान को दी जाएगी। इसे बदलने की क्या जरूरत थी। इसे बदला ही इसलिए गया है ताकि किसान कमजोर हो। उन्होंने कहा कि 'मेक इन इंडिया' सफल नहीं होगा। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हर उस जगह खड़ी होगी जहां जबरन जमीन अधिग्रहण होगा। उन्होंने कहा कि यह देश किसानों, मजदूरों का देश है। विकास चाहिए लेकिन किसानों की कीमत पर नहीं।
कुछ साल पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वहां दुनिया की सबसे बड़ी हीरे की खान है, उस जमीन पर पहले किसानों का हक था 300 परिवार रहते थे। अब ये लोग माइन में मजदूरी करते हैं।
कांग्रेस का दावा है कि ज़मीन अधिग्रहण बिल और बारिश की वजह से बेहाल किसानों के समर्थन में हो रही है। इन किसानों को पंजाब, राजस्थान और हरियाणा समेत कुल 6 राज्यों से दिल्ली बुलाया गया है।
रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस सरकार को बने हुए करीब एक साल हो गया है कि अभी तक सरकार कुछ भी ठोस नहीं कर पाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल किसानों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को किसानों की चिंता नहीं है। मनमोहन सिंह का आरोप है कि सरकार की नीतियों किसानों की हित में नहीं है।
वहीं, रैली से पहले कल छुट्टी से वापस लौटे राहुल गांधी ने शनिवार को भी किसानों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाक़ात की और उनकी परेशानियों को जाना। राहुल गांधी करीब दो महीनों से छुट्टी पर थे और आज की किसान रैली एक तरह से उनकी री-लॉन्चिंग मानी जा रही है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं