उना, गुजरात:
संसद में दलित मुद्दे पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी को सिर नीचे कर आंखें बंद किए देखे जाने के बाद वे विपक्ष के निशाने पर रहे। हालांकि कांग्रेस ने इस मसले पर राहुल का जमकर बचाव भी किया। अब गुजरात के उना दौर के दौरान राहुल गांधी द्वारा हत्या के प्रयास की आरोपी एक महिला को गले लगाने का मामला सामने आया है।
दरअसल, गुजरात के उना में मृत गाय की खाल उतारने पर दलित युवकों को कार से बांध नग्न कर पिटाई किए जाने के बाद राहुल गांधी द्वारा वहां किए गए दौरे और उनसे मुलाकात के दौरान 46 वर्षीय कांग्रेस उपाध्यक्ष ने स्थानीय अस्पताल में एक महिला को गले लगाया।
रमाबेन मुच्छाड़िया नामक इस महिला के बारे में पता चला है कि वह इनमें से किसी भी पीड़ित की रिश्तेदार नहीं थी। उक्त 55 वर्षीय महिला का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है, जिनमें एक बिल्डर से जबरन वसूली के लिए फोन करने, दंगा और सरकारी अधिकारी के काम में बाधा डालने जैसे मामले शामिल हैं।
वह उस दिन को याद करते हुए बताती हैं, 'एक दलित मां होने के नाते, मैंने वहां अस्पताल में जाने का निर्णय लिया। यहां तक कि मैं पीड़ितों के लिए दो टिफिन भी ले गई थी। मैंने वार्ड में पीड़ितों का हाल-चाल जानने के लिए पास हासिल किया, जहां राहुल गांधी थे। उस वक्त, पीड़ितों की हालत देखने के बाद मेरी आखों में आंसू आ गए थे, तो उन्होंने मुझे गले लगा लिया।'
बीजेपी प्रवक्ता राजा ध्रुव ने इस पर राहुल को घेरते हुए कहा, 'यही राहुल गांधी हैं। वह हमेशा अपनी पार्टी को मुश्किल स्थिति में डाल देते हैं।'
वहीं कांग्रेस इसे उस वक्त राहुल द्वारा दिखाया मानवीय व्यवहार करार दे रही है। इसके साथ ही स्थानीय नेताओं का कहना है कि महिला ने अस्पताल में पहुंचने के लिए फर्जी नाम का इस्तेमाल किया। कांग्रेस प्रवक्ता कहते हैं, 'अस्पताल प्रशासन ने पास जारी किया और ड्यूटी पर तैनाच मेडिकल अधिकारियों ने आगंतुको की पहचान की थी। कांग्रेस ने वहां मौजूद लोगों के पहचान का सत्यापन नहीं किया था।'
दरअसल, गुजरात के उना में मृत गाय की खाल उतारने पर दलित युवकों को कार से बांध नग्न कर पिटाई किए जाने के बाद राहुल गांधी द्वारा वहां किए गए दौरे और उनसे मुलाकात के दौरान 46 वर्षीय कांग्रेस उपाध्यक्ष ने स्थानीय अस्पताल में एक महिला को गले लगाया।
रमाबेन मुच्छाड़िया नामक इस महिला के बारे में पता चला है कि वह इनमें से किसी भी पीड़ित की रिश्तेदार नहीं थी। उक्त 55 वर्षीय महिला का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है, जिनमें एक बिल्डर से जबरन वसूली के लिए फोन करने, दंगा और सरकारी अधिकारी के काम में बाधा डालने जैसे मामले शामिल हैं।
वह उस दिन को याद करते हुए बताती हैं, 'एक दलित मां होने के नाते, मैंने वहां अस्पताल में जाने का निर्णय लिया। यहां तक कि मैं पीड़ितों के लिए दो टिफिन भी ले गई थी। मैंने वार्ड में पीड़ितों का हाल-चाल जानने के लिए पास हासिल किया, जहां राहुल गांधी थे। उस वक्त, पीड़ितों की हालत देखने के बाद मेरी आखों में आंसू आ गए थे, तो उन्होंने मुझे गले लगा लिया।'
बीजेपी प्रवक्ता राजा ध्रुव ने इस पर राहुल को घेरते हुए कहा, 'यही राहुल गांधी हैं। वह हमेशा अपनी पार्टी को मुश्किल स्थिति में डाल देते हैं।'
वहीं कांग्रेस इसे उस वक्त राहुल द्वारा दिखाया मानवीय व्यवहार करार दे रही है। इसके साथ ही स्थानीय नेताओं का कहना है कि महिला ने अस्पताल में पहुंचने के लिए फर्जी नाम का इस्तेमाल किया। कांग्रेस प्रवक्ता कहते हैं, 'अस्पताल प्रशासन ने पास जारी किया और ड्यूटी पर तैनाच मेडिकल अधिकारियों ने आगंतुको की पहचान की थी। कांग्रेस ने वहां मौजूद लोगों के पहचान का सत्यापन नहीं किया था।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
कांग्रेस, राहुल गांधी, गुजरात, दलित उत्पीड़न, उना, Congress, Rahul Gandhi, Gujarat, Dalit Atrocities, Dalit Atrocity In Una