अमेठी / नई दिल्ली:
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी आज अमेठी के दौरे पर हैं। अमेठी से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बेमौसम बारिश से बेहाल किसानों से अब तक मुलाकात नहीं करने को लेकर उठाए जा रहे सवालों के बीच स्मृति ईरानी का यह दौरा सियासी लहजे से काफी अहम है।
वहीं राहुल गांधी ने अमेठी में प्रस्तावित फूड पार्क परियोजना रद्द होने के बीच संसद के बाहर कहा कि उम्मीद है कि स्मृति ईरानी अमेठी को फूड पार्क वापस दिलाएंगी।
कांग्रेस का आरोप है कि एनडीए सरकार ने जानबूझकर अमेठी में फूड पार्क की परियोजना रद्द कर दी। इस मुद्दे को लेकर आज संसद में भी जोरदार हंगामा हुआ। लोकसभा में भारी शोरगुल के बीच केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आरोप लगाया कि यह परियोजना यूपीए काल में ही रद्द हो गई थी।
अमेठी में स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस की तीन पीढ़ियों ने अमेठी के लोगों से सिर्फ वादे किए और उन्हें सपने दिखाए, लेकिन वादों को केवल मोदी सरकार ही पूरा कर सकती है। किसानों के साथ एक बैठक में स्मृति ईरानी ने केंद्र से उन्हें (किसानों) पर्याप्त सहायता मुहैया कराने और इस महीने के आखिर में दोबारा अमेठी आने का आश्वासन दिया।
स्मृति ने गत लोकसभा चुनाव में राहुल को कड़ी टक्कर दी थी और वह अमेठी को अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बनाने का ऐलान कर चुकी हैं। राहुल गांधी भी 18 और 19 मई को अमेठी में किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। स्मृति ईरानी ने राहुल के प्रस्तावित दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा, मेरे अमेठी दौरे की योजना के घंटे भर बाद राहुल गांधी की यहां आने की योजना सामने आई है, मैं खुश हूं कि राहुल मेरे पदचिन्हों का पालन कर रहे हैं।
राहुल गांधी पिछले कुछ दिनों से लोकसभा में किसानों की खुदकुशी और भूमि अधिग्रहण बिल को काफी जोर-शोर से उठा रहे हैं। समझा जाता है कि स्मृति ईरानी इस मुद्दे पर राहुल को चुनौती देने उनके संसदीय क्षेत्र में पहुंची हैं।
कांग्रेस ने स्मृति के अमेठी दौरे के दौरान उनका विरोध करने का ऐलान किया है। कांग्रेस का कहना है कि उनकी पार्टी अमेठी में मेगा फूड पार्क परियोजना को रद्द किए जाने के खिलाफ स्मृति का विरोध करेगी।
कुछ दिन पहले स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी द्वारा अमेठी में फूड पार्क प्रोजेक्ट को लेकर एनडीए सरकार की आलोचना के लिए उन पर निशाना साधा था। ईरानी ने राहुल का नाम लिए बगैर कहा था कि ‘फूड पार्क की घोषणा 2010 में की गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी। परियोजना के लिए आठ बार विस्तार का समय लिया गया, क्योंकि इसे व्यावहारिक नहीं माना गया, लेकिन क्या सांसद (राहुल गांधी) ने परियोजना को हकीकत में तब्दील करने के लिए कदम उठाए। ईरानी ने आरोप लगाए कि 2013 में परियोजना के लिए आधारशिला लोगों को 'भ्रमित' करने के लिए रखी गई थी। (इनपुट एजेंसी से भी)
वहीं राहुल गांधी ने अमेठी में प्रस्तावित फूड पार्क परियोजना रद्द होने के बीच संसद के बाहर कहा कि उम्मीद है कि स्मृति ईरानी अमेठी को फूड पार्क वापस दिलाएंगी।
कांग्रेस का आरोप है कि एनडीए सरकार ने जानबूझकर अमेठी में फूड पार्क की परियोजना रद्द कर दी। इस मुद्दे को लेकर आज संसद में भी जोरदार हंगामा हुआ। लोकसभा में भारी शोरगुल के बीच केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आरोप लगाया कि यह परियोजना यूपीए काल में ही रद्द हो गई थी।
अमेठी में स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस की तीन पीढ़ियों ने अमेठी के लोगों से सिर्फ वादे किए और उन्हें सपने दिखाए, लेकिन वादों को केवल मोदी सरकार ही पूरा कर सकती है। किसानों के साथ एक बैठक में स्मृति ईरानी ने केंद्र से उन्हें (किसानों) पर्याप्त सहायता मुहैया कराने और इस महीने के आखिर में दोबारा अमेठी आने का आश्वासन दिया।
स्मृति ने गत लोकसभा चुनाव में राहुल को कड़ी टक्कर दी थी और वह अमेठी को अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बनाने का ऐलान कर चुकी हैं। राहुल गांधी भी 18 और 19 मई को अमेठी में किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। स्मृति ईरानी ने राहुल के प्रस्तावित दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा, मेरे अमेठी दौरे की योजना के घंटे भर बाद राहुल गांधी की यहां आने की योजना सामने आई है, मैं खुश हूं कि राहुल मेरे पदचिन्हों का पालन कर रहे हैं।
राहुल गांधी पिछले कुछ दिनों से लोकसभा में किसानों की खुदकुशी और भूमि अधिग्रहण बिल को काफी जोर-शोर से उठा रहे हैं। समझा जाता है कि स्मृति ईरानी इस मुद्दे पर राहुल को चुनौती देने उनके संसदीय क्षेत्र में पहुंची हैं।
कांग्रेस ने स्मृति के अमेठी दौरे के दौरान उनका विरोध करने का ऐलान किया है। कांग्रेस का कहना है कि उनकी पार्टी अमेठी में मेगा फूड पार्क परियोजना को रद्द किए जाने के खिलाफ स्मृति का विरोध करेगी।
कुछ दिन पहले स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी द्वारा अमेठी में फूड पार्क प्रोजेक्ट को लेकर एनडीए सरकार की आलोचना के लिए उन पर निशाना साधा था। ईरानी ने राहुल का नाम लिए बगैर कहा था कि ‘फूड पार्क की घोषणा 2010 में की गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी। परियोजना के लिए आठ बार विस्तार का समय लिया गया, क्योंकि इसे व्यावहारिक नहीं माना गया, लेकिन क्या सांसद (राहुल गांधी) ने परियोजना को हकीकत में तब्दील करने के लिए कदम उठाए। ईरानी ने आरोप लगाए कि 2013 में परियोजना के लिए आधारशिला लोगों को 'भ्रमित' करने के लिए रखी गई थी। (इनपुट एजेंसी से भी)
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