
रईस और काबिल फिल्में एक साथ 25 जनवरी को रिलीज हुई हैं.
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असमिया भाषी फिल्म गुवाहाटी में लगी थी
हिंदी फिल्मों की रिलीज के चलते उसे हटा दिया गया
इससे नाराज फिल्म डायरेक्टर ने उल्फा को लिखा खत
अंग्रेजी के अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इससे फिल्म के निर्देशक हिमांग्शु प्रसाद दास नाराज हो गए. उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम(उल्फा) के प्रमुख परेश बरुआ के नाम एक खुला खत लिखा. उसमें असमिया अस्मिता और सांस्कृतिक संघर्ष की दुहाई देते हुए कहा गया कि 20 फरवरी को उनकी असमिया फिल्म 'शकीरा अहीबो बाकुलतोर बिहुलोई' को कई सिनेमाहॉल में अच्छा रिस्पांस मिलना शुरू ही हुआ था कि निहित स्वार्थों के चलते दो हिंदी फिल्मों को उनकी जगह लगा दिया गया.
फिर क्या था असम की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का दावा करने वाले उल्फा प्रमुख परेश बरुआ इस पोस्ट के चंद घंटों के भीतर ही स्थानीय टीवी चैनलों में प्रकट हुआ और उसने सिनेमाघरों को इस फिल्म को दिखाने के लिए धमकाया. उसने यह भी कहा कि एक असमिया फिल्म को हिंदी फिल्मों के चक्कर में सिनेमाघरों से नहीं उतारना चाहिए. जिन जगहों पर यह फिल्म अच्छा प्रदर्शन कर रही है, वहां इसे फिर से लगाया जाना चाहिए और यदि ऐसा नहीं होता तो उसका विरोध किया जाएगा. हालांकि कई सिनेमाघर मालिकों का कहना है कि वास्तव में असमिया फिल्म अच्छा बिजनेस नहीं कर रही थी इसलिए उसे हटाया गया. उल्लेखनीय है कि उल्फा प्रमुख परेश बरुआ के बारे में पुलिस का मानना है कि वह पड़ोसी देश म्यांमार में कहीं छिपा है.
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