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देश के लिए बेहतरीन इंजीनियर पैदा करने वाले मशहूर संस्थान आईआईटी खड़गपुर ने अपने ही एक प्रोफेसर को निशाना बनाने के लिए अवैध तरीके से उसके फोन रिकॉर्ड्स हासिल किए।
हैरानी की बात यह है कि पीड़ित प्रोफेसर राजीव कुमार वही शख्स हैं जिन्होंने आरटीआई के जरिए आईआईटी के कट ऑफ प्रोसीजर की गड़बड़ियां उजागर की थीं। इसका खामियाजा उन्हें सस्पेंड होकर भुगतना पड़ रहा है। कोलकाता मानवाधिकार आयोग में शिकायत के बाद अब पुलिस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर रही है लेकिन आईआईटी की ओर से कोई भी इस बात का जवाब देने पर तैयार नहीं कि उसे अपने ही प्रोफेसर के फोन रिकॉर्ड्स क्यों और किसकी इजाज़त से हासिल किए गए।
राजीव कुमार के करीबी कहते हैं कि आईआईटी खड़गपुर उनकी मुहिम से डरी हुई है और कुमार के फोन रिकॉर्ड को पिछले साल उन्हें सस्पेंड करने के लिए इस्तेमाल किया गया। फोन कॉल्स रिकॉर्ड की जानकारी बीएसएनएल ने आईआईटी को उस वक्त दी जब कुमार सुप्रीम कोर्ट में आईआईटी के खिलाफ केस लड़ रहे थे।
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