पुदुच्चरी में विधानसभा चुनाव (Puducherry Assembly Election) से कुछ महीने पहले कांग्रेस के चार विधायकों के इस्तीफे के बाद वहां की कांग्रेस (Congress) नेतृत्व वाली सरकार अल्पमत में पहुंच गई है. दो विधायकों ने पिछले दो दिनों में ही इस्तीफा दिया है. 30 निर्वाचित सदस्यों में से कांग्रेस के 15 विधायक थे. डीएमके के दो और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन के साथ कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा पार किया था.
विधायकों के इस्तीफे के बाद सीएम वी नारायणसामी की सरकार अल्पमत में पहुंच गई. कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के 14 और विपक्ष के भी 14 विधायक रह गए हैं. कांग्रेस के पास अब 10 विधायक हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बुधवार को पुदुच्चरी दौरे से पहले ये इस्तीफे हुए हैं. वहां कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पहली बार राहुल गांधी जाने वाले हैं. वहां पर वह चुनावी रणनीति तैयार करने जा रहे हैं.
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विधायकों ने पिछले कुछ सप्ताह में ही इस्तीफे दिए हैं. इनमें से ए. नमासिव्यम और ई. थीपप्पंजन ने 25 जनवरी को इस्तीफा दिया था. दोनों ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली. सोमवार को मल्लादि कृष्ण राव ने और आज जॉन कुमार ने इस्तीफा दे दिया. एन. धनावेलु को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पिछले साल अयोग्य करार दिया गया था.
मल्लादि कृष्ण राव का इस्तीफा देने का फैसला हैरान कर देना वाला है. क्योंकि पिछले सप्ताह ही वह उप राज्यपाल किरण बेदी को हटाने की अपील करने मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली गए थे.
ए नमासिव्यम का भी भाजपा के साथ जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था, पुदुच्चरी के पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के आधार को राज्य में मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी. उनके साथ कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी चले गए हैं.
नमासिव्यम पिछले कुछ समय से कांग्रेस में नाखुश दिख रहे थे. 2016 के चुनाव प्रचार के दौरान उनका नाम मुख्यमंत्री के तौर पर सामने आ रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी नारायणसामी को दे दी गई, जिन्होंने चुनाव भी नहीं लड़ा था. उनकी नाराजगी उस वक्त और ज्यादा बढ़ गई जब पुदुच्चरी कांग्रेस प्रमुख का पद भी ए.वी. सुब्रमण्यन के पास चला गया.
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पुदुच्चरी और तमिलनाडु में मई महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
साल 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी. इसके बाद कांग्रेस को डीएमके और एक निर्दलीय का समर्थन मिल गया था. AIADMK ने चार और AINRC ने सात सीटें जीती थी. इसके अलावा भाजपा के तीन मनोनित सदस्य हैं.
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