दलितों को पीटे जाने को लेकर गुजरात में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी

दलितों को पीटे जाने को लेकर गुजरात में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी

गुजरात में दलित युवकों की पिटाई के बाद विरोध-प्रदर्शन का फाइल फोटो...

अहमदाबाद:

गिर सोमनाथ जिले में उना कस्बे के एक गांव में दलितों को बर्बरता से पीटे जाने को लेकर गुजरात के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। कई राजनेताओं ने पीड़ितों और उनके परिजनों से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पीड़ितों के परिजनों से मिलने उना के मोटा समढियाला गांव पहुंचे।

पुलिस ने बताया कि राजकोट एवं मेहसाणा में कल देर रात हिंसा की घटनाएं दर्ज की गईं और प्रदर्शनकारियों ने लिम्बडी एवं सूरत में मार्च निकाला। उन्होंने बताया कि राजकोट में बीआरटीएस बस अड्डे को क्षतिग्रस्त किया गया और मेहसाणा जिले के उंझा में एक सार्वजनिक परिवहन बस में कल देर रात तोड़फोड़ की गई। हालांकि इस दौरान किसी को चोट नहीं पहुंची। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर आज अभी तक कोई बड़ी घटना दर्ज नहीं की गई। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन के मद्देनजर कल निलंबित रहने वाली राज्य परिवहन बस सेवा आज बहाल कर दी गई।

दलित प्रदर्शनकारियों ने सूरत के उधना में एक रेलवे स्टेशन के निकट एक ट्रेन को कुछ देर के लिए रोकने की कोशिश की। हजारों प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली और कुछ देर के लिए अहमदाबाद आने वाली नवजीवन एक्सप्रेस का मार्ग बाधित कर दिया। बाद में पुलिस ने पटरियां खाली कराईं।

सुरेंद्रनगर जिले के लिम्बडी में भी एक रैली निकाली गई। दलितों द्वारा कल आहूत बंद के दौरान हुए नुकसान और जबरन दुकानें बंद कराए जाने के मद्देनजर अरावली जिले के मोडासा में आज दुकानें बंद रहीं। पुलिस ने बताया कि बंद लागू कराने की कोशिश करते हुए कुछ दलितों ने कल कई दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके बाद दुकानदारों एवं प्रदर्शनकारियों दोनों के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।

इस बीच, राकांपा नेता प्रफुल पटेल, गुजरात में उनकी पार्टी के विधायक, जयंत पटेल और कंधाल जडेजा ने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की और दो लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद वे अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से मिलने के लिए राजकोट रवाना हो गए। बाद में पटेल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को पीड़ितों तक पहुंचने में नौ दिन लग गए जो एक लंबा समय है।

उन्होंने कहा, 'जब पूरा राज्य जल रहा हो और लोगों के भीतर अविश्वास की भावना हो तो जन प्रतिनिधि होने के नाते, हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम पीड़ित परिवार के सदस्यों के प्रति सहानुभूति प्रकट करें और उन्हें अहसास कराएं कि हम मुश्किल के समय उनके साथ हैं।'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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