यह ख़बर 25 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

महंगाई से मचा हाहाकार, देशभर में विरोध

खास बातें

  • डीजल, कुकिंग गैस और केरोसिन की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का देशभर में व्यापक विरोध हुआ है। इस सिलसिले में भाजपा ने दिल्ली में रैली निकाली।
नई दिल्ली / कोलकाता / चेन्नई:

डीजल, कुकिंग गैस और केरोसिन की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का देशभर में व्यापक विरोध हुआ है। इस सिलसिले में भाजपा ने जहां देशभर में रैलियां निकालीं वहीं प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ईंधन के दामों में हुई बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा कि इससे आम आदमी की मुश्किलों में इजाफा होगा। यूपीए की एक महत्वपूर्ण सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता ने कहा, हम ईंधन के दामों में बार-बार बढ़ोतरी का समर्थन नहीं करेंगे। इससे आम आदमी की दिक्कतों में और इजाफा होगा। हमने अपने नजरिये को वहां जता दिया है, जहां इसे जताया जाना चाहिए। ममता ने कहा कि ईंधन के दाम पहले ही काफी अधिक हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी केरोसिन और घरेलू गैस का इस्तेमाल करता है। पेट्रोल के दामों में भी हाल में बढ़ोतरी की गई थी। उन्होंने कहा, कि सरकार को ईंधन के दामों में बढ़ोतरी करने से पहले कई बार सोचना चाहिए। भाजपा के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने आरोप लगाया कि सरकार ने तेल की कीमतों में बढ़ोतरी तेल माफिया के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में सरकार ने 10 बार कीमतों में बढ़ोतरी की है। ऐसे समय में जब आम लोग महंगाई से जूझ रही है, सरकार ने तेल की कीमतों में बढ़ोतरी कर जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को अस्वीकार्य बताते हुए तुरंत ही की कीमतों में बढ़ोतरी को वापस लेने को कहा है। जयललिता ने एक बयान में बताया कि सभी लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले एलपीजी की कीमतों में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है। जनता इसका बोझ नहीं उठा सकती है। केरोसीन की कीमतों में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। इससे मुख्य रूप से गरीब लोगों पर काफी असर पड़ेगा, जो कि केरोसीन के प्रमुख उपभोक्ता हैं। वामदलों ने कहा है कि वे डीजल, केरोसिन और रसोई गैस के दामों में वृद्धि के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि शुल्क में जो कटौती की गई है, वह काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों के दाम को नियंत्रणमुक्त किया था, तब उन्होंने उन पर शून्य शुल्क का वादा किया था। वह अपने वादा पर टिकी नहीं रही। इसके बजाय, वह जनता पर बोझ डाल रही है। यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। उधर, कोलकाता में वाममोर्चा के अध्यक्ष विमान बोस ने कहा कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से गरीब और मध्य वर्ग की दिक्कतें बढ़ेंगी।(कुछ अंश भाषा से)


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