भोपाल:
56 साल पहले नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध की नींव रखी गई थी. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसका उद्घाटन किया. नर्मदा नदी पर कंक्रीट का बना ये बांध भारत का तीसरा सबसे बड़ा बांध है. इसकी नींव पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 5 अप्रैल, 1961 को रखी थी. 1987 में इसके निर्माण का काम शुरू हुआ. रविवार को पीएम मोदी बांध का उद्घाटन करने के बाद नर्मदा महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होने के लिए दभोई पहुंचे. यहां उन्होंने राष्ट्रीय जनजाति स्वतंत्रता सेनानियों के लिए संग्रहालय की आधारशिला रखी. इस बांध परियोजना के उद्घाटन पर गुजरात में खुशी का माहौल है लेकिन पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में लोग मातम मना रहे हैं.
सरदार सरोवर बांध के 30 गेट खुलते ही मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खरगौन ज़िलों के 192 गांव] धर्मपुरी, महाराष्ट्र के 33 गांव और गुजरात के 19 गांव इतिहास बन जाएंगे यानी पानी में डूब जाएंगे.
बेहतर पुनर्वास किए बिना सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ा दी गई, जिससे बड़ी संख्या में यहां के लोग विस्थापित होंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर 30 महिलाओं के साथ छोटा
बड़दा गांव के घाट पर जल सत्याग्रह कर रही हैं.
बड़दा गांव के घाट पर जल सत्याग्रह कर रही हैं.
सरदार सरोबर बांध को लेकर गांव वालों का विरोध प्रदर्शन जारी है.
गांव के लोग नर्मदा नदी के पानी में बैठकर विरोध कर रहे हैं.
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