लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित नौ साल बाद जेल से बाहर आए हैं.
नई दिल्ली:
मालेगांव बम धमाके के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित नौ साल बाद जेल से रिहा हो गए हैं. रिहाई के चलते वे एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. लोग Google पर इनके बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं. इसी का ध्यान में रखते हुए कर्नल पुरोहित की जिंदगी से जुड़ी बातें यहां बताने की कोशिश की जा रही है. महाराष्ट्र के पुणे में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित के पिता एक बैंक अधिकारी थे. वर्ष 1994 में मराठा लाइट इन्फैन्ट्री में कमीशन किए गए कर्नल पुरोहित की शिक्षा-दीक्षा पुणे के अभिनव विद्यालय तथा गरवारे कॉलेज से हुई. चेन्नई की ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षित कर्नल पुरोहित ने जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशनों में हिस्सा लिया, और बाद में स्वास्थ्य कारणों से उन्हें मिलिटरी इन्टेलिजेंस में स्थानांतरित कर दिया गया था.
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बताया जाता है कि महाराष्ट्र में उनकी मुलाकात रमेश उपाध्याय से हुई थी, जो इस मामले में आरोपी है, और रमेश उपाध्याय ने ही कट्टर दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत बनाया था. वर्ष 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट के पीछे इसी संगठन का हाथ माना जाता है, और कर्नल पुरोहित भी इस संगठन से जुड़े रहे हैं.
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पुलिस को अपनी जांच के दौरान ऐसे कुछ संदेश मिले थे, जो कथित रूप से कर्नल पुरोहित ने रमेश उपाध्याय को भेजे थे. इसके बाद उन पर सेना के गोदाम से 60 किलोग्राम आरडीएक्स चुराने का आरोप लगा, जिसका इस्तेमाल मालेगांव ब्लास्ट में किया गया. कर्नल पुरोहित पर अभिनव भारत को वित्तीय मदद देने और उसके सदस्यों को प्रशिक्षित करने का भी आरोप है.
VIDEO: कर्नल पुरोहित 9 साल बाद जेल से बाहर
17 अगस्त, 2017 को कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह 'राजनैतिक लड़ाई' का शिकार हुए हैं, और पिछले नौ सालों में उन पर कोई आरोप तय नहीं हो पाया है. उन्होंने अभिनव भारत से अपने ताल्लुकात को कबूल किया, और बताया कि उन्होंने संगठन की कुछ बैठकों में शिरकत की थी, लेकिन सिर्फ एक सेनाधिकारी के रूप में. उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि संगठन की गतिविधियों के बारे में उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दे दी थी.
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बताया जाता है कि महाराष्ट्र में उनकी मुलाकात रमेश उपाध्याय से हुई थी, जो इस मामले में आरोपी है, और रमेश उपाध्याय ने ही कट्टर दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत बनाया था. वर्ष 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट के पीछे इसी संगठन का हाथ माना जाता है, और कर्नल पुरोहित भी इस संगठन से जुड़े रहे हैं.
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पुलिस को अपनी जांच के दौरान ऐसे कुछ संदेश मिले थे, जो कथित रूप से कर्नल पुरोहित ने रमेश उपाध्याय को भेजे थे. इसके बाद उन पर सेना के गोदाम से 60 किलोग्राम आरडीएक्स चुराने का आरोप लगा, जिसका इस्तेमाल मालेगांव ब्लास्ट में किया गया. कर्नल पुरोहित पर अभिनव भारत को वित्तीय मदद देने और उसके सदस्यों को प्रशिक्षित करने का भी आरोप है.
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17 अगस्त, 2017 को कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह 'राजनैतिक लड़ाई' का शिकार हुए हैं, और पिछले नौ सालों में उन पर कोई आरोप तय नहीं हो पाया है. उन्होंने अभिनव भारत से अपने ताल्लुकात को कबूल किया, और बताया कि उन्होंने संगठन की कुछ बैठकों में शिरकत की थी, लेकिन सिर्फ एक सेनाधिकारी के रूप में. उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि संगठन की गतिविधियों के बारे में उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दे दी थी.
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