नई दिल्ली:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यौन अपराध विरोधी कानूनों में बदलावों को प्रभावी बनाने के लिए आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश-2013 को रविवार को अपनी मंजूरी दे दी।
यह अध्यादेश न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की रिपोर्ट पर ज्यादातर आधारित है, और इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी थी।
इस अध्यादेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में जघन्य अपराध के लिए मृत्युदंड सहित दंड बढ़ाए जाने के प्रस्ताव हैं। इन अपराधों में दुष्कर्म, तेजाब हमले, ताकझांक और तस्करी शामिल हैं।
महिला संगठनों ने अध्यादेश के खिलाफ सोमवार को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है।
महिला संगठनों का मानना है कि महिला अपराधों से निपटने के लिहाज से यह अध्यादेश दंतविहीन है और संगठनों ने राष्ट्रपति से आग्रह किया था कि वह इस पर हस्ताक्षर न करें।
यह अध्यादेश न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की रिपोर्ट पर ज्यादातर आधारित है, और इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी थी।
इस अध्यादेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में जघन्य अपराध के लिए मृत्युदंड सहित दंड बढ़ाए जाने के प्रस्ताव हैं। इन अपराधों में दुष्कर्म, तेजाब हमले, ताकझांक और तस्करी शामिल हैं।
महिला संगठनों ने अध्यादेश के खिलाफ सोमवार को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है।
महिला संगठनों का मानना है कि महिला अपराधों से निपटने के लिहाज से यह अध्यादेश दंतविहीन है और संगठनों ने राष्ट्रपति से आग्रह किया था कि वह इस पर हस्ताक्षर न करें।
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