भागलपुर:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वह प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के पुनरुत्थान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे. मुखर्जी ने विश्वविद्यालय में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘विक्रमशिला उच्च शिक्षा केंद्र ने राष्ट्र का मार्ग दर्शन किया और अनुसंधान को बढ़ावा दिया. मैं इसके पुनरुत्थान के लिए प्रधानमंत्री से बात करूंगा.’’ राष्ट्रपति ने कहा कि नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे प्राचीन शिक्षण केंद्र अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे.
उन्होंने कहा कि वह कॉलेज के दिनों से ही इस तरह के केंद्रों को देखने को उत्सुक थे और यहां इसके पुनरुत्थान के लिए लोगों के प्रेम और भाव को देखकर वह भाव विह्ल हैं.
मुखर्जी ने कहा, ‘‘विक्रमशिला सिर्फ एक संग्रहालय नहीं होना चाहिए, इसे उच्चतम स्तर के मानक के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.’’ देश में उच्च शिक्षा अवसंरचना को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इन केंद्रों द्वारा छात्रों को पर्याप्त दार्शनिक प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल तभी संभव है जब शीर्ष कक्षा संस्थान हमारे उच्च शिक्षा परिदृश्य से स्नेह करें.’’ भारत को इस तरह के विश्वविद्यालयों की आवश्यकता जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इसका विकास नालंदा की तरह होना चाहिए.
मुखर्जी ने कहा कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय को श्रेष्ठ संकाय का केंद्र होना चाहिए तथा अनुसंधान के लिए विदेशी संस्थानों से सहयोग करना चाहिए और साथ ही स्थानीय नवोन्मेषकों के साथ संबंध स्थापित करने चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्राचीन विक्रमशिला के स्मारकों तथा संग्रहालय ने एक ऐसे युग का परावर्तन किया जहां शिक्षण की एक समृद्ध संस्कृति फली-फूली.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि वह कॉलेज के दिनों से ही इस तरह के केंद्रों को देखने को उत्सुक थे और यहां इसके पुनरुत्थान के लिए लोगों के प्रेम और भाव को देखकर वह भाव विह्ल हैं.
मुखर्जी ने कहा, ‘‘विक्रमशिला सिर्फ एक संग्रहालय नहीं होना चाहिए, इसे उच्चतम स्तर के मानक के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.’’ देश में उच्च शिक्षा अवसंरचना को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इन केंद्रों द्वारा छात्रों को पर्याप्त दार्शनिक प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल तभी संभव है जब शीर्ष कक्षा संस्थान हमारे उच्च शिक्षा परिदृश्य से स्नेह करें.’’ भारत को इस तरह के विश्वविद्यालयों की आवश्यकता जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इसका विकास नालंदा की तरह होना चाहिए.
मुखर्जी ने कहा कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय को श्रेष्ठ संकाय का केंद्र होना चाहिए तथा अनुसंधान के लिए विदेशी संस्थानों से सहयोग करना चाहिए और साथ ही स्थानीय नवोन्मेषकों के साथ संबंध स्थापित करने चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्राचीन विक्रमशिला के स्मारकों तथा संग्रहालय ने एक ऐसे युग का परावर्तन किया जहां शिक्षण की एक समृद्ध संस्कृति फली-फूली.
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