New Delhi:
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने दिल्ली के लोकनिर्माण मंत्री राजकुमार चौहान को बर्खास्त करने की लोकायुक्त की सिफारिश खारिज कर दी है। चौहान पर करवंचन के एक मामले में एक प्रमुख रिजार्ट को बचाने में लिप्त रहने का आरोप होने के चलते लोकायुक्त ने उन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक पत्र के माध्यम से लोकायुक्त को राष्ट्रपति के फैसले से अवगत कराया। पत्र के जानकार सूत्रों ने बताया राष्ट्रपति ने चौहान के खिलाफ लोकायुक्त की सिफारिशें स्वीकार नहीं कीं। लोकायुक्त न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन ने चौहान को गंभीर प्रकृति के कदाचार का दोषी ठहराते हुए फरवरी में राष्ट्रपति से उन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। न्यायमूर्ति सरीन की यह सिफारिश उस मामले के सिलसिले में थी जिसके अनुसार, पिछले साल फरवरी में दक्षिण दिल्ली के तिवोली गार्डन रिजॉर्ट में सर्वे करने वाले कर अधिकारियों के एक दल को चौहान ने कथित तौर पर प्रभावित किया था। पूर्व में लोकायुक्त ने अपने आदेश में कहा था मंत्री ने पिछले साल 20 फरवरी की शाम व्यापार कर आयुक्त को टेलीफोन किया था। यह वही समय था जब आयकर अधिकारियों का एक दल तिवोली गार्ड रिजॉर्ट के परिसर की तलाशी ले रहा था। यह दल कथित तौर पर भारी करवंचन और अघोषित आय का पता लगाने के लिए तलाशी ले रहा था। इस माह के शुरू में दिल्ली सरकार ने लोकायुक्त की सिफारिश खारिज करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी। गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से लोकायुक्त की सिफारिश पर रिपोर्ट मांगी थी। चौहान ने अपने बचाव में कहा था कि जनप्रतिनिधि होने के कारण उनके पास कई लोग फोन कर अपने अपने कामों के लिए अनुरोध करते हैं और 20 फरवरी को किया गया फोन ऐसा ही एक फोन था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं