
राष्ट्रपति भवन (फाइल फोटो).
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मंजू का वजन 30 किलोग्राम और यात्रियों का बैग भी 30 किलोग्राम
तीन बच्चों को पालने की जिम्मेदारी ने कुली बनने पर मजबूर किया
छह महीने तक प्रशिक्षण लेने के बाद कुली बन सकी मंजू
जब जयपुर रेलवे स्टेशन पर 15 नंबर की कुली मंजू ने इस काम को करने की अपनी परिस्थितियों को बयां किया तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी भावुक हो गए.
मंजू ने राष्ट्रपति भवन में अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं को संबोधित करते हुए शनिवार को कहा, ‘‘मेरा वजन 30 किलोग्राम था और यात्रियों का बैग भी 30 किलोग्राम था लेकिन तीन बच्चों को पालने के बोझ के मुकाबले यह कहीं नहीं था. मेरे पति की मौत के बाद मुझे उन्हें पालना था. मेरे भाई ने मुझे जयपुर आने और कोई काम ढूंढने के लिए कहा.’’ उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने मुझे छह महीने तक प्रशिक्षण दिया और उसके बाद मैं कुली बन गई.
VIDEO : कुलियों को मिला नया नाम
मंजू और कुछ अन्य महिलाओं की कहानियां सुनने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि यहां हर किसी के पास सुनाने के लिए अपनी एक कहानी है. इस कार्यक्रम में अलग-अलग पृष्ठभूमि की 90 से अधिक महिलाओं को सम्मानित किया गया.
(इनपुट भाषा से)
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