राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री रहते हुए 2011 में जीएसटी बिल संसद में पेश किया था
नई दिल्ली:
संसद भवन के सेंट्रल हॉल में जीएसटी लॉन्च समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह उनके लिए व्यक्तिगत सफलता का दिन है. उन्होंने कहा कि 2011 में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने सदन में जीएसटी बिल पेश किया था.
जीएसटी के इतिहास पर रोशनी डालते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण दिसंबर, 2002 में शुरू हुई यात्रा का परिणाम है जब अप्रत्यक्ष करों के बारे में गठित केलकर कार्य बल ने मूल्यवर्धित कर सिद्धांत पर आधारित वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का सुझाव दिया था.
उन्होंने कहा, 'जीएसटी की शुरुआत राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है और यह मेरे लिए भी संतोषजनक लम्हा है, क्योंकि बतौर वित्तमंत्री मैंने ही 22 मार्च, 2011 को संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था.'
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उनका विश्वास उस समय सही साबित हुआ, जब 8 सितंबर, 2016 को संसद के दोनों सदनों तथा पचास प्रतिशत से अधिक राज्य विधानसभाओं द्वारा इस विधेयक को पारित कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि जीएसटी के संबंध में संघ और राज्यों को सभी तरह की सिफारिशें जैसे आदर्श कानून, दरों, छूट के लिए उत्तरदायी है परिषद हमारे संविधान में अनूठी हैं. यह केंद्र और राज्यों का संयुक्त मंच है जहां केंद्र और राज्य, दोनों ही एकदूसरे के समर्थन के बिना कोई निर्णय नहीं ले सकते.
राष्ट्रपति ने कहा, 'हम एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार की रचना का प्रारंभ करने जा रहे हैं, ऐसे में, मैं प्रत्येक भारतवासी से इस नई व्यवस्था के सफल कार्यान्वयन में सहयोग देने के आह्वान करता हूं.'
अपने संबोधन के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर जीएसटी लागू होने की औपचारिक घोषणा की.
जीएसटी के इतिहास पर रोशनी डालते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण दिसंबर, 2002 में शुरू हुई यात्रा का परिणाम है जब अप्रत्यक्ष करों के बारे में गठित केलकर कार्य बल ने मूल्यवर्धित कर सिद्धांत पर आधारित वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का सुझाव दिया था.
उन्होंने कहा, 'जीएसटी की शुरुआत राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है और यह मेरे लिए भी संतोषजनक लम्हा है, क्योंकि बतौर वित्तमंत्री मैंने ही 22 मार्च, 2011 को संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था.'
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उनका विश्वास उस समय सही साबित हुआ, जब 8 सितंबर, 2016 को संसद के दोनों सदनों तथा पचास प्रतिशत से अधिक राज्य विधानसभाओं द्वारा इस विधेयक को पारित कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि जीएसटी के संबंध में संघ और राज्यों को सभी तरह की सिफारिशें जैसे आदर्श कानून, दरों, छूट के लिए उत्तरदायी है परिषद हमारे संविधान में अनूठी हैं. यह केंद्र और राज्यों का संयुक्त मंच है जहां केंद्र और राज्य, दोनों ही एकदूसरे के समर्थन के बिना कोई निर्णय नहीं ले सकते.
राष्ट्रपति ने कहा, 'हम एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार की रचना का प्रारंभ करने जा रहे हैं, ऐसे में, मैं प्रत्येक भारतवासी से इस नई व्यवस्था के सफल कार्यान्वयन में सहयोग देने के आह्वान करता हूं.'
अपने संबोधन के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर जीएसटी लागू होने की औपचारिक घोषणा की.
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