बदलती राजनीति के चाणक्य बनकर उभरे प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी में बुनियादी फर्क को लेकर बड़ी बात कही. एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में आज की राजनीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अच्छे श्रोता हैं. किशोर ने देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों के दिग्गज नेताओं के साथ काम किया. दोनों ही नेताओं को करीब से देखा है. लेकिन राजनीति में कदम रखने के बाद वह अपनी राय को निजी बताते हैं. एक सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी ताकत है उनका एक कुशल श्रोता होना. उन्होंने कहा ''एक बात जो बहुत कम लोग मोदी के बारे में जानते हैं वो यह कि वह एक अच्छे श्रोता हैं. और नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व में यह खूबी प्रधानमंत्री बनने के बाद नहीं आई है.
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सितंबर 2018 में जेडीयू में शामिल हुए प्रशांत किशोर ने कहा ''मैंने बहुत सारे राजनीतिक शख्सियतों के साथ काम किया है लेकिन कभी नरेंद्र मोदी जैसा अच्छा श्रोता नहीं देखा.'' वहीं जब उनसे पीएम की कमजोरी के बारे में पूछा गया तो किशोर ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें और ज्यादा दयालु होने की जरूरत है. प्रशांत किशोर ने 2014 लोकसभा चुनावों में बीजेपी के साथ चुनावी कैंपेनिंग की थी. जिसके बाद पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली थी. लोकसभा चुनाव के बाद किशोर ने नीतीश कुमार के साथ 2015 चुनावों की बागडोर संभाली तो बीजेपी को हार का मुंह दिखाते हुए नीतीश को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाया. किशोर ने 2017 में पंजाब और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ भी काम किया था. पंजाब में कांग्रेस को कामयाबी मिली थी जबकि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में बड़ी जीत आई थी.
राहुल गांधी पर चर्चा करते हुए किशोर ने कहा कि तीन राज्यों में मिली जीत के बाद राहुल गांधी पहले से ज्यादा कॉफिडेंट दिखाई दे रहे हैं. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष अपनी खामियों के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं. उनकी कमजोरी के बारे में पूछे गए सवाल पर प्रशांत ने कहा कि राहुल को अभी और समय दिए जाने की जरूरत है.
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को पुराना मकान बताते हुए उसकी तुलना नए फ्लैट्स से की है. जहां दीवारों पर सीलन (सीपेज) आ गई है, चारों ओर से हवा आती है, जिसका रख-रखाव काफी मुश्किल हो चुका है. हाल ही में हुए चुनावों में कांग्रेस को मिली जीत पर भी प्रशांत ने अपना विश्लेषण रखा. प्रशांत ने बताया कि इस जीत के बाद वह कांग्रेस को कैसे देखते हैं. उन्होंने कहा ''कांग्रेस में मैं आधारभूत बदलाव नहीं देखता हूं इसलिए मुझे चिंतित होने की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर मैं बीजेपी हूं तो मुझे ज्यादा चिंता होती है. क्योंकि इन राज्यों में कांग्रेस के लिए वोट मिलने के बजाय, यहां वोट बीजेपी के खिलाफ मिले हैं.
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