प्रशांत भूषण की सजा पर आज बहस होगी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मशहूर वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) दो ट्वीट के आधार पर अदालत की अवमानना के मामले में दोषी करार दिए गए थे. शीर्ष अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था. जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने यह फैसला सुनाया था. आज यानी 20 अगस्त को इस मामले में सजा पर सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले से जुड़ी 10 बातें
- प्रशांत भूषण को न्यायपालिका और चीफ जस्टिस (CJI) के खिलाफ किए दो ट्वीट के लिए अदालत की अवमानना का दोषी पाया गया है. सुप्रीम कोर्ट को आज सुनवाई करनी है कि भूषण को क्या सजा सुनाई जा सकती है.
- भूषण को दोषी करार दिए जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कंटेप्ट (अवमानना) नोटिस जारी किया था और उनसे (प्रशांत भूषण) जवाब दाखिल करने को कहा था.
- भूषण ने जवाब दाखिल कर कहा था कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की स्वस्थ आलोचना होने से सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा पर आंच नहीं आती है.
- प्रशांत भूषण ने हलफनामा दायर कर कहा था कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लेकर किया गया ट्वीट और पूर्व चीफ जस्टिस को लेकर किया गया ट्वीट, स्वस्थ आलोचना के दायरे में आता है.
- प्रशांत भूषण ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश की स्वस्थ आलोचना शीर्ष अदालत का अपमान नहीं है. यह अदालत की गरिमा को कम नहीं करता है.
- 140 पेज के हलफनामे में उन्होंने कहा कि पिछले 4 चीफ जस्टिस के बारे में उनका कमेंट कहीं से अवमानना नहीं है. जो भी ट्वीट हैं, उसमें लोकतंत्र को नष्ट करने की अनुमति नहीं दिए जाने की बात है और यह अभिव्यक्ति अवमानना के दायरे में नहीं आती है.
- वहीं इस मामले में प्रशांत भूषण ने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अवमानना मामले में सजा पर सुनवाई टालने के लिए भी अपील की.
- उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी मानते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का इरादा रखते हैं.
- प्रशांत भूषण चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट आज की सुनवाई को तब तक के लिए टाल दे, जब तक कि अदालत पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं सुना देती.
- गौरतलब है कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) लेते हुए प्रशांत भूषण के खिलाफ अदालत की अवमानना मामले में सुनवाई शुरू की थी.