देश में इन 4 कारणों से पैदा हुआ कोयला संकट, स्थिति न सुधरी तो ब्लैक आउट की आशंका

गहराते बिजली संकट को लेकर कई राज्यों ने केन्द्र के सामने अपनी चिंता ज़ाहिर की है, हालांकि केन्द्र सरकार ने इस तरह की आशंकाओं को निराधार बताते हुए कहा है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं और थर्मल पावर प्लांट्स को पर्याप्त कोयले की सप्लाई की जाएगी.

नई दिल्ली:

देश में कोयले की सप्लाई (Power crisis) में समस्या के चलते बिजली संकट के हालातों पर आज कोयला मंत्रालय ने जानकारी दी है कि आखिर इस संकट के पीछे कारण क्या है. उनके मुताबिक पहला कारण सितंबर महीने में कोयला खदानों के आसपास भारी बारिश की वजह से खदान से कोयला निकालने और सप्लाई करने की प्रक्रिया बाधित हुई, जिसकी वजह से उतना कोयला (coal crisis) नहीं पहुंच पाया जितनी जरूरत था. या कह सकते हैं कि कोयले की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो पाई.  दूसरा कारण है, पिछले कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत बढ़ी है, इस वजह से कई कंपनियों के लिए महंगे कोयले का आयात करना मुश्किल हुआ. तीसरा, कोरोना की दूसरी लहर के बाद हुए अनलॉक में कई महीनों से ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को खोला गया तो बहुत तेजी से फैक्टरियां और व्यवसाय खुले. तेजी से खुलने की वजह से अचानक डिमांड बढ़ी, इससे डिमांड और सप्लाई में अचानक बाधा पैदा हो गई.  चौथा, पिछले कुछ दिनों में सरकार ने 2 करोड़ 82 लाख घरों को बिजली सप्लाई से जोड़ा. इन घरों को बिजली की लाइन से जोड़ने से भी इनकी खपत बढ़ गई. बता दें कि 135 थर्मल पावर स्टेशन में से 115 पावर स्टेशनों में कोयले की क्रिटिकल और सुपर क्रिटिकल शॉर्टेज है. उनके पास तय मानकों को हिसाब से कोयला नहीं है. 

बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय देश में कोयले की सप्लाई को लेकर मौजूदा हालात की आज समीक्षा कर सकता है. कोयला संकट के चलते कई राज्यों ने ब्लैकआउट की आशंका जताई है. इस मुद्दे को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ कल बैठक भी की है. गहराते बिजली संकट को लेकर कई राज्यों ने केन्द्र के सामने अपनी चिंता ज़ाहिर की है, हालांकि केन्द्र सरकार ने इस तरह की आशंकाओं को निराधार बताते हुए कहा है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं और थर्मल पावर प्लांट्स को पर्याप्त कोयले की सप्लाई की जाएगी.

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बता दें कि महाराष्ट्र में कोयले की कमी की वजह से 7 थर्मल पावर प्लांट की 13 यूनिट ठप पड़ी हैं. जानकारी के मुताबिक- पावर प्लांट में केवल डेढ़ दिन का कोयला मौजूद है. मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) के पास बचा है 1,91,475 मेट्रिक टन स्टॉक, जबकि हर रोज़ की खपत है 1,49,000 मेट्रिक टन है. थर्मल पावर प्लांट के इन यूनिट में काम ठप है. महाजनको के 210 MW वाले चंद्रपयर, भूस्वावा, नासिक यूनिट बंद है. महाजनको के 250 MW वाले पारस यूनिट में और 500 MW वाले भुसावल और चंद्रपुर यूनिट भी बंद है. पोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड के 640 MW वाले चार यूनिट बंद हैं. रतन इंडिया पावर लिमिटेड के 810 MW वाले तीन यूनिट बंद हैं.