नई दिल्ली:
नोटबंदी के भले ही आपको परेशान किया हो लेकिन अब उसका पॉज़िटिव असर भी सामने आने लगा है. ये बात सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) के नए जारी आंकड़ों में नजर आ रही है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया है कि नोटबंदी के बाद टैक्स नेट यानी टैक्स देने वालों की संख्या का दायरा रिकॉर्ड तेज़ी से बढ़ा है. नोटबंदी के बाद 91 लाख नए लोगों को टैक्स देने वालों की सूची में शामिल करने में कामयाबी मिली है.
दरअसल आप इसे कामयाबी इसलिए मान सकते हैं क्योंकि एक न्यूज़ पेपर की एक रिसर्च के मुताबिक औसतन हर साल टैक्स देने वालों में 60 लाख नए लोग जुड़ते थे. जबकि 10 लाख लोग या तो रिटायर होकर या फिर मौत की वजह से इस सूची से बाहर हो जाते थे. कुल मिलाकर हर साल नए टैक्स देने वाले औसतन 50 लाख लोग होते थे. और अगर सीबीडीटी के 2012-14 का आंकड़ा देखें तो 91 लाख की संख्या प्रभावित करती है. CBDT के मुताबिक 2013-14 में 46 लाख तो 2014-15 में 30 लाख लोग टैक्स के दायरे में आए.
कभी आंकड़ा बढ़ा है तो किसी साल कम भी हुआ है. लेकिन इस तरह की रिकॉर्ड बढ़त हाल के सालों में कभी नहीं हुआ. सरकार लगातार कहती रही है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ है, अगर सीबीडीटी के आंकड़ों की माने तो कम से कम टैक्स के मोर्चे पर सरकार को सफलता मिलती ज़रूर दिख रही है.
दरअसल आप इसे कामयाबी इसलिए मान सकते हैं क्योंकि एक न्यूज़ पेपर की एक रिसर्च के मुताबिक औसतन हर साल टैक्स देने वालों में 60 लाख नए लोग जुड़ते थे. जबकि 10 लाख लोग या तो रिटायर होकर या फिर मौत की वजह से इस सूची से बाहर हो जाते थे. कुल मिलाकर हर साल नए टैक्स देने वाले औसतन 50 लाख लोग होते थे. और अगर सीबीडीटी के 2012-14 का आंकड़ा देखें तो 91 लाख की संख्या प्रभावित करती है. CBDT के मुताबिक 2013-14 में 46 लाख तो 2014-15 में 30 लाख लोग टैक्स के दायरे में आए.
कभी आंकड़ा बढ़ा है तो किसी साल कम भी हुआ है. लेकिन इस तरह की रिकॉर्ड बढ़त हाल के सालों में कभी नहीं हुआ. सरकार लगातार कहती रही है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ है, अगर सीबीडीटी के आंकड़ों की माने तो कम से कम टैक्स के मोर्चे पर सरकार को सफलता मिलती ज़रूर दिख रही है.
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