दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण (Air pollution) गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है. घने स्मॉग (Smog) के कारण दृश्यता भी काफी कम हो गई है और कुछ मीटर तक देखना भी संभव नहीं है. दिल्ली-एनसीआर में आतिशबाजी (Fire Cracking) पर प्रतिबंध और पराली जलाने (Stubble Burning) पर अंकुश के बावजूद प्रदूषण इतनी गंभीर स्थिति में पहुंच गया है.
यह भी पढ़ें- फिर बढ़ा प्रदूषण और दो महीने में ऐसे दिखने लगी दिल्ली, IPS बोला- 'हम लॉकडाउन में ही रहने के लायक...'
मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली और आसपास के इलाकों में दीपावली के दिन प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. कई इलाकों में प्रतिबंध के बावजूद आतिशबाजी हुई, पंजाब-हरियाणा (Punjab-Haryana) जैसे पड़ोसी राज्यों में बदस्तूर पराली जलाने (Stubble Burning) की घटनाओं से भी स्थिति भयावह हो गई है.
अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के प्रदूषण (Pollution) में 32 फीसदी हिस्सेदारी पराली जलाने की है. हवा की गति धीमी होने से प्रदूषण की स्थिति और बुरी हो गई है. इससे प्रदूषक तत्व एक ही जगह इकट्ठा हो रहे हैं. अर्थ साइंस मिनिस्ट्री के तहत आने वाले और वायु प्रदूषण की स्थिति बताने वाले SAFAR ने प्रदूषण के बेहद चिंताजनक आंकड़े जारी किए हैं.
मंत्रालय का कहना है कि राजधानी के भीतर भी प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों की मात्रा जरा सी भी बढ़ती है तो स्थिति रविवार और सोमवार को बेहद विकराल हो जाएगी.प्रदूषण के सभी नुकसानदायक कणों PM10 और PM 2.5 का स्तर तड़के एक बजे से सुबह छह बजे तक सबसे ज्यादा रह सकता है. दोपहर में इसमें थोड़ी ही कमी आने का अनुमान है. दिल्ली सरकार ने ट्रैफिक पर गाड़ी का इंजन बंद करने का अभियान भी शुरू किया था, लेकिन इन कदमों का भी हवा की गुणवत्ता पर ज्यादा असर नहीं दिख रहा है.
दिल्ली में पिछले साल दीपावली के दिन (27 अक्टूबर) को 24 घंटे का औसत AQI (प्रदूषण का पैमाना) 337 था. जबकि दीपावली के अगले दो दिन यह 368 और 400 रहा था. लेकिन इस बार यह आंकड़ा पिछले साल के स्तर को भी पार कर जाने की आशंका है. दीपावली और अगले दो दिन प्रदूषण बेहद गंभीर स्तर पर रहने का अनुमान मौसम विभाग ने जताया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं