दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट से निपटने के लिए GRAP-IV के तहत सख्त नियमों के लागू होने से गाजियाबाद के बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में औद्योगिक इकाइयों पर बुरा असर पड़ रहा है. इसकी वजह से सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर प्रभावित हुए हैं, जिन्हें काम की तलाश में दर-दर भटकना पड़ रहा है.
गाजियाबाद के बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में GRAP-IV लागू होने की वजह से फैक्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग और आर्थिक गतिविधियां धीमी पड़ गई हैं.
Auriopro Toshi Automatic Systems Pvt Ltd के मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव सचदेवा ने एनडीटीवी से कहा कि GRAP-IV लागू होने से फैक्ट्री में जरूरी कच्चा माल सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है और तैयार रेडिमेड सामान फैक्ट्री से बाजार और क्लाइंट तक नहीं पहुंच पा रहा है.
दरअसल GRAP-IV के लागू होने से गाजियाबाद के बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है और आर्थिक गतिविधियां घट गई हैं, क्योंकि फैक्ट्री ऑउटपुट घटना शुरू हो गया है.
GRAP-IV के सख्त दिशा निर्देशों की वजह से कंस्ट्रक्शन और किसी भी तरह के काम के विस्तार के प्रोजेक्ट पर भी रोक लग गई है.
संजीव सचदेवा ने एनडीटीवी से कहा, "हमने हर तरह की कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी और फैक्ट्री के एक्सपेंशन का काम रोक दिया है. अगर ये संकट लंबा चलता है तो इससे हमारे प्रोजेक्ट कॉस्ट बढ़ जाएंगे और नए बिजनेस प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे. इस संकट की वजह से दिहाड़ी मजदूरी करने वाले वर्कर प्रभावित हुए हैं, क्योंकि बहुत सारा काम इंडस्ट्री और मैन्युफैक्चरिंग का रुक गया है. इस संकट की वजह से दिल्ली-NCR के इलाके से सटे इंडस्ट्रियल क्लस्टर में factories को फायदा होगा, क्योंकि बहुत सारा मैन्युफैक्चरिंग और ट्रांसपोर्टेशन का बिजनेस अब वहां धीरे-धीरे शिफ्ट होने लगेगा."
बढ़ी हुई महंगाई ने इन मजदूरों का संकट और बढ़ा दिया है. अब प्रभावित मजदूर सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार उनकी मदद करे और जिन मजदूरों के पास लेबर कार्ड है उन तक राहत पहुंचाई जाए.
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