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This Article is From Apr 07, 2022

'पुलिस ने उतरवाए कपड़े' : MLA के खिलाफ प्रदर्शन कवर करने गए पत्रकार को पुलिस उठा ले गई

घटना वाले दिन यानी दो अप्रैल की ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें थाने के अंदर कुछ लोगों को कपड़े उतारकर खड़ा किया गया है.

'पुलिस ने उतरवाए कपड़े' : MLA के खिलाफ प्रदर्शन कवर करने गए पत्रकार को पुलिस उठा ले गई
पुलिस स्‍टेशन में लोगों के एक ग्रुप का अंडर गारमेंट्स पहने हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है
सीधी:

मध्‍य प्रदेश के एक पुलिस स्‍टेशन में एक पत्रकार और थिएटर आर्टिस्‍टों के एक समूह का अंडर गारमेंट्स पहने हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. फोटो में आठ लोग दीवार के पास खड़े हैं और उन्‍होंने हाथ आगे की ओर बांध रखे हैं. फोटो में शामिल एक स्‍थानीय पत्रकार और यूट्यूबर ने आरोप लगाया है कि जब वह स्‍थानीय बीजेपी विधायक के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए गया था तो उसके साथ गालीगलौज कर मारपीट की गई और कुछ पुलिसकर्मियों ने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया. यह घटना कथित तौर पर मध्‍य प्रदेश के सीधी जिले में शनिवार को हुई जब यह पत्रकार, एक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल का उपयोग करके बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्‍ला और उनके बेटे गुरुदत्‍त शुक्‍ला के खिलाफ कथित अभद्र कमेंट के लिए थिएटर आर्टिस्‍ट नीरज कुंदर की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन को कवर करने गया था.   

मामले में अपना पक्ष रखते हुए पत्रकार कनिष्‍क तिवारी ने कहा है, 'मैं सीधी जिले का निवासी और पत्रकार हूं. एक न्‍यूज चैनल का सीधी जिले का स्टिंगर हूं. साथ ही फ्री लांसिंग के तौर पर बघेली न्‍यूज चैनल भी चलाता हूं.'कनिष्‍क ने बताया, ' बीते दो अप्रैल को बेहद निंदनीय घटनाक्रम हुआ, जिसमें धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों की खबर को कवर करने में मैं गया था. वहां मेरे कैमरामैन ने पूरी वीडियो फुटेज रिकॉर्ड की. वहां पर मुझे सिटी कोतवाली थाने की पुलिस जबरन धक्‍का देकर कोतवाली ले गई. मारा-पीटा गया, निर्वस्‍त्र किया गया.कहा गया कि विधायक के खिलाफ खबर चलाआगे तो जुलूस निकालेगे. हमारे साथ कैमरामैन भी था. हम 10 लोग गिरफ्तार हुए थे. जुर्म पुलिस द्वारा 151 की धारा शांति भंग और रास्‍ता अवरुद्ध की धारा लगाई गई.' उन्‍होंने कहा, 'हमारे साथ वैमनस्‍यता पूर्ण व्‍यवहार किया गया है. मेरे पत्रकार होने के बावजूद पुलिस के द्वारा यह कही जा रही थी क्‍यों विधायक के खिलाफ खबर चलाते हो. यह फोटो वायरल हो रही है. मुझे हमें दो तारीख को रात 8 बजे गिरफ्ताार किया गया और तीन तारीख को शाम छह बजे छोड़ा गया था .18 घंटे हम हवालात मे थे. इस दौरान थाना प्रभारी अभिषेक सिंह परिहार द्वारा फोटो खींची गई. मैं डरा हुआ हूं, मेरा पूरा परिवार डरा हुआ है. फोटो सोशल मीडिया पर पुलिस के द्वारा वायरल की गई जिसमें मेरी मानहानि हुई है. मानवाधिकार का उल्‍लंघन हुआ है. सबसे अपील है कि इस घटनाक्रम में साथ आएं.' दूसरी ओर पुलिस का कहना है किकनिष्क तिवारी के खिलाफ पहले भी कुछ मामले दर्ज हैं .तस्वीर वायरल होने के मामले में पुलिस ने फिलहाल सिर्फ इतना कहा है कि डीएसपी हेडक्वार्टर मामले की जांच कर रहे हैं जिसमें जल्द ही अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

गौरतलब है कि सीधी ज़िले के रंगकर्मी नीरज कुंदेर को फेक आईडी बनाकर कथित तौर पर बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला और उनके बेटे गुरुदत्त के बारे में अभद्र टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है.गिरफ्तार करने के 2 घंटे बाद ही उन्हें जेल भेज दिया गया. नीरज कुंदेर इंद्रावती नाट्य संस्थान के निदेशक हैं. भले ही अनुराग मिश्रा के नाम से जिस आईडी के लिए नीरज को गिरफ्तार किया गया लेकिन उनका फोन पुलिस के पास होने के बावजूद उस आईडी से अभी भी पोस्ट किये जा रहे हैं.मामले को लेकर 2 अप्रैल को सीधी के रंगकर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जब जिला कोतवाली के सामने प्रदर्शन कर नारेबाजी की तो उनके साथ भी सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा दुर्व्‍यवहार किया गया. घटना वाले दिन यानी दो अप्रैल की ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें थाने के अंदर कुछ लोगों को कपड़े उतारकर खड़ा किया गया है. इसमें पत्रकार कनिष्क तिवारी तथा कुछ अन्‍य लोग शामिल हैं.  

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