
कैलाश विजयवर्गीय फिर चर्चा में हैं. इस बार चर्चा लड़कियों पर दिए उनके बयान को लेकर है. इंदौर में एक जनसभा में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "पश्चिमी देशों में कहावत है कि कम कपड़े या छोटे कपड़े पहनने वाली महिलाएं सुंदर होती हैं, जैसे कम बोलने वाले नेताओं को अच्छा माना जाता है. ऐसा मैं नहीं मानता. मेरा मानना है कि महिला देवी का रूप है. उसे अच्छे कपड़े पहनने चाहिए. मुझे छोटे कपड़े पहनने वाली महिलाएं आकर्षक नहीं लगती हैं." मगर विजयवर्गीय पहले ऐसे नेता नहीं हैं, जिन्होंने इस तरह का विवादित बयान दिया है. बल्कि इससे भी बुरे बयान दिए गए हैं. यहां जानिए हमारे नेताओं के सबसे खराब बयान, जो आज तक लोगों को याद हैं...
- 2013 में मध्य प्रदेश के मंदसौर में दिग्विजय सिंह ने अपने आप को राजनीति का पुराना जौहरी बताते हुए कहा, 'मुझे पता है कि कौन फर्जी है और कौन सही है. इस क्षेत्र की सांसद मीनाक्षी नटराजन सौ टंच माल हैं.'
- 2014 में मुरादाबाद में एक रैली में मुलायम सिंह ने कहा कि सभी मामलों में रेप पर फांसी देना पूरी तरह गलत है. लड़कों से अक्सर गलतियां हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि मुंबई में तीन लड़कों को फांसी की सजा सुनाई गई है, जो कि नहीं होनी चाहिए. मुलायम सिंह ने कहा कि ऐसे कानूनों को बदलने की जरूरत है.
- लालू यादव जब बिहार की सत्ता में थे, तब का एक बयान आज भी लोगों की जुबान पर आ जाता है. उन्होंने कहा था, ‘बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गाल की तरह चिकनी बना देंगे.' तब विरोधियों ने बिहार की सड़कों की तुलना ओम पुरी के गालों से की थी.
- शरद यादव ने एक बार कहा था, 'बैलट पेपर के बारे में समझाने की जरूरत है लोगों को. बेटी की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है. बेटी की इज्जत जाएगी तो गांव और मोहल्ले की इज्जत जाएगी, अगर वोट बिक गया तो देश की इज्जत जाएगी.'
- कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कानपुर में एक सभा में कहा था, 'पुरानी जीत पुरानी पत्नी की तरह है, जो समय बीतने के साथ अपना आकर्षण खो बैठती है.'
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