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दिल्ली गैंगरेप के बाद देश में महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों के लिए सजाओं की सिफारिश करने वाले जस्टिस जेएस वर्मा को प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह खत लिखकर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
डॉ मनमोहन सिंह ने खत में इस बात के लिए जस्टिस वर्मा की प्रशंसा भी की है कि उन्होंने इतने संवेदनशील मुद्दे पर सिर्फ 30 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंप दी, और कहा कि सरकार उनकी सिफारिशों पर जल्द से जल्द कार्यवाही करेगी।
गौरतलब है कि भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस वर्मा ने महिला सुरक्षा के लिए सरकार से कई कदम उठाने की सिफारिश की है। इनमें विभिन्न किस्म के यौन उत्पीड़न और हिंसा से निपटने और पीड़ितों को तेजी से न्याय दिलाने के लिए नया कानून बनाना शामिल है।
दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के सप्ताह भर बाद 23 दिसंबर को तीन-सदस्यीय समिति का गठन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किया था। समिति में हिमाचल प्रदेश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश लीला सेठ और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम भी शामिल थे। वर्मा ने कहा था कि समिति का कार्य भारत में महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानपूर्ण माहौल मुहैया कराने में सरकार की विफलता का समाधान पेश करना था।
वर्मा ने कहा कि समिति के कुछ प्रस्ताव देश की अपराध संहिता में संशोधन के लिए संसद में लंबित विधेयक में शामिल किए जा सकते हैं। करीब महीने भर काम करने वाली वर्मा समिति को 80 हजार सुझाव मिले। इनमें महिला कार्यकर्ता, वकील, शिक्षाविद और विदेश के कई प्रोफेसर और विद्वान शामिल थे।
दिल्ली गैंगरेप के बाद केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह द्वारा दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार की तारीफ करना वर्मा को रास नहीं आया। उन्होंने कहा कि जब माफी मांगे जाने की उम्मीद थी, उस समय यह (पुलिस कमिश्नर की पीठ थपथपाना) सुनकर काफी हैरत हुई। सामूहिक बलात्कार के बाद देशभर में हुए प्रदर्शनों पर वर्मा ने युवाओं की परिपक्व प्रतिक्रिया के लिए उनकी तारीफ की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई को लेकर वर्मा नाखुश थे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज ने भारतीय लोकतंत्र को दागदार किया है।
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