नई दिल्ली:
राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) के गठन का विरोध कर रहे राज्यों को विश्वास में लेने की पहल करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को सात मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा। प्रधानमंत्री ने मसले पर उनकी चिंताओं को दूर करने और उनसे व्यापक परामर्श करने का भरोसा दिया।
प्रधानमंत्री ने हालांकि, एनसीटीसी के गठन के फैसले को लम्बित रखने अथवा उसकी समीक्षा करने से इंकार किया। उन्होंने खुफिया ब्यूरो (आईबी) के तहत एनसीटीसी का गठन करने के उद्देश्यों के बारे में भी मुख्यमंत्रियों को बताया।
त्रिपुरा, तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में कहा, "मैं आपकी चिंताओं को समझता हूं और मैं केंद्रीय गृह मंत्रालय को मुख्यमंत्रियों के साथ परामर्श कर उपयुक्त तरीके से उन चिंताओं को दूर करने के लिए कहता हूं।"
ज्ञात हो कि एनसीसीटी के गठन का विरोध करने वाले अन्य राज्यों में हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और झारखण्ड शामिल हैं।
अपने पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा, "एनसीटीसी का प्राथमिक उद्देश्य देश भर में आतंकवाद-निरोधी प्रयासों में समन्वय स्थापित करना है। इस कारण एक अलग संगठन न बनाते हुए एनसीटीसी को आईबी के अधीन करने की योजना बनाई गई है।"
प्रधानमंत्री ने हालांकि, एनसीटीसी के गठन के फैसले को लम्बित रखने अथवा उसकी समीक्षा करने से इंकार किया। उन्होंने खुफिया ब्यूरो (आईबी) के तहत एनसीटीसी का गठन करने के उद्देश्यों के बारे में भी मुख्यमंत्रियों को बताया।
त्रिपुरा, तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में कहा, "मैं आपकी चिंताओं को समझता हूं और मैं केंद्रीय गृह मंत्रालय को मुख्यमंत्रियों के साथ परामर्श कर उपयुक्त तरीके से उन चिंताओं को दूर करने के लिए कहता हूं।"
ज्ञात हो कि एनसीसीटी के गठन का विरोध करने वाले अन्य राज्यों में हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और झारखण्ड शामिल हैं।
अपने पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा, "एनसीटीसी का प्राथमिक उद्देश्य देश भर में आतंकवाद-निरोधी प्रयासों में समन्वय स्थापित करना है। इस कारण एक अलग संगठन न बनाते हुए एनसीटीसी को आईबी के अधीन करने की योजना बनाई गई है।"