पीएम नरेंद्र मोदी ने टैक्स सुधार के लिए उठाए कदम, देशवासियों से टैक्स देने की अपील की

देश में टैक्स व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए "पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्‍मान’ पोर्टल का शुभारंभ गुरुवार को पीएम मोदी ने किया.

पीएम नरेंद्र मोदी ने टैक्स सुधार के लिए उठाए कदम, देशवासियों से टैक्स देने की अपील की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

देश में टैक्स व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए  "पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्‍मान' पोर्टल का शुभारंभ गुरुवार को पीएम मोदी ने किया. इस मौके पर पीएम ने कहा,"इतने बड़े देश में 130 करोड़ में से डेढ़ करोड़ साथी ही इन्कम टैक्स जमा करते हैं. मैं आज देशवासियों से भी आग्रह करूंगा ... जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से अपनी आत्‍मा को पूछें, आगे आएं, और अभी दो दिन के बाद 15 अगस्‍त है, आजादी के लिए मर-मिटने वालों को जरा याद कीजिए; आपको लगेगा हां, मुझे भी कुछ न कुछ देना ही चाहिए."   

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6-7 साल में टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी हुई है लेकिन एक अरब 30 करोड़ की आबादी वाले देश में केवल डेढ़ करोड़ आयकर दाता हैं, जो कि काफी कम है. नई व्‍यवस्‍था के तहत कर प्रणाली को सुगम, सरल और फेसलेस बनाया जायेगा.

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पीएम मोदी ने कहा, "कोशिश ये है कि हमारी टैक्स प्रणाली Seamless हो, Painless हो, Faceless हो. Seamless यानि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने के लिए काम करे. Painless यानि टेक्नॉलॉजी से लेकर नियम तक सबकुछ साधारण हो. फेसलैस यानि करदाता कौन है और टैक्स ऑफिसर कौन है, इससे मतलब होना ही नहीं चाहिए. आज से लागू होने वाले ये सुधार इसी सोच को आगे बढ़ाने वाले हैं."

प्रधानमंत्री ने कहा कि फेसलेस असेसमेंट और करदाता चार्टर आज से लागू हो गया है, जबकि दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर 25 सितंबर से देश भर के नागरिकों के लिए फेसलेस अपील की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी. नये मंच का उद्देश्य इसे फेसलेस बनाने के अलावा करदाताओं का विश्वास बढ़ाना और उन्‍हें निडर बनाना भी है.

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उद्योग जगत ने प्रधानमंत्री के ऐलान का स्वागत किया है. हालांकि दिल्ली व्यापर संगठन की अपनी चिंताएं हैं. “पारदर्शी कराधान – ईमानदार सम्मान” मंच में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और करदाता चार्टर जैसे प्रमुख सुधारों को समाहित किया गया है. 

नई व्यवस्था में छानबीन, नोटिस, सर्वेक्षण या मूल्यांकन के सभी मामलों में करदाता और आयकर अधिकारी के बीच सीधे संपर्क की आवश्यकता नहीं होगी. 

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