प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 391वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके अदम्य साहस और बुद्धिमता को देशवासियों के लिए प्रेरणा बताया है. इस मौके पर उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मां भारती के अमर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. उनके अदम्य साहस, अद्भुत शौर्य और असाधारण बुद्धिमत्ता की गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी. जय शिवाजी!"
मां भारती के अमर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उनके अदम्य साहस, अद्भुत शौर्य और असाधारण बुद्धिमत्ता की गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी। जय शिवाजी! pic.twitter.com/3vhVgBYp5R
— Narendra Modi (@narendramodi) February 19, 2021
मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी ने 1670 में मुगलों की सेना के साथ जमकर लोहा लिया था और सिंहगढ़ के किले पर अपना परचम लहराया था. उनका जन्म 19 फरवरी, 1630 को पुणे के शिवनेरी किले में हुआ था. बचपन में शिवाजी अपनी आयु के बालक इकट्ठे कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे. युवावस्था में आते ही उनका खेल वास्तविक बन गया और वह शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि जीतने लगे.
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शिवाजी पर मुस्लिम विरोधी होने का दोषारोपण किया जाता रहा है, पर यह सत्य नहीं है. शिवाजी की सेना तो अनेक मुस्लिम नायक एवं सेनानी थे, साथ ही अनेक मुस्लिम सरदार और सूबेदारों जैसे लोग भी थे. वास्तव में शिवाजी का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्ध था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था.
छत्रपति शिवाजी महाराज को उनके अद्भुत बुद्धिबल के लिए जाना जाता है. वह पहले भारतीय शासकों में से एक थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र की रक्षा के लिए नौसेना बल की अवधारणा को पेश किया था. उन्होंने अपनी बटालियन में कई मुस्लिम सैनिकों को भी नियुक्त किया था.
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