नई दिल्ली:
उपराष्ट्रपति पद के लिए वेंकैया नायडू ने शपथ ले ली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ. उस समय पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह समेत सभी बड़े नेता मौजूद थे. वह आज सवेरे सबसे पहले राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही में सभापति के तौर पर हिस्सा लिया.
BJP ने वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति आखिर क्यों बनाया? जानें 5 वजहें
पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा कि वेंकैया नायडू सदन की हर बारीकी से परिचित हैं. वह ऐसे सभापति हैं जिन्हें सदन की कार्यवाही की पूरी जानकारी है. सार्वजनिक जीवन में वह जेपी आंदोलन की वह पैदाइश हैं. उस समय जो आंदोलन चला वह आंध्र प्रदेश में युवा नेता के तौर पर आगे बढ़कर नेतृत्व करते दिखाई दिए. कई वर्षों तक मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला.
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पीएम ने आगे कहा कि वेंकैया नायडू आजाद भारत में जन्म लेने वाले पहले उपराष्ट्रपति हैं. वह किसान के बेटे हैं और कई साल तक उनके साथ काम करने का मौका मिला. शहरी विकासमंत्री रहते हुए भी उन्हें किसानों की चिंता रहती थी. इसमें कोई शक नहीं कि आज सभी समान्य लोगों का बड़े संवैधानिक पदों पर पहुंचना लोकतंत्र की ताकत है.
कुछ ऐसा रहा राजनीतिक सफर
वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई, 1949 को आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले में हुआ.नेल्लोर से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वहीं से राजनीति में स्नातक किया. विशाखापट्टनम के लॉ कॉलेज से अंतरराष्ट्रीय कानून में डिग्री ली. कॉलेज के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए. नायडू पहली बार 1972 में जय आंध्रा आंदोलन से सुर्खियों में आए. 1975 में इमरजेंसी में जेल भी गए थे. -1977 से 1980 तक यूथ विंग के अध्यक्ष रहे. महज 29 साल की उम्र में 1978 में पहली बार विधायक बने. 1983 में भी विधानसभा पहुंचे और धीरे-धीरे राज्य में भाजपा के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे. बीजेपी के विभिन्न पदों पर रहने के बाद नायडू पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए 1998 में चुने गए. इसके बाद से ही 2004, 2010 और 2016 में वह राज्यसभा के सांसद बने.
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वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई, 1949 को आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले में हुआ.नेल्लोर से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वहीं से राजनीति में स्नातक किया. विशाखापट्टनम के लॉ कॉलेज से अंतरराष्ट्रीय कानून में डिग्री ली. कॉलेज के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए. नायडू पहली बार 1972 में जय आंध्रा आंदोलन से सुर्खियों में आए. 1975 में इमरजेंसी में जेल भी गए थे. -1977 से 1980 तक यूथ विंग के अध्यक्ष रहे. महज 29 साल की उम्र में 1978 में पहली बार विधायक बने. 1983 में भी विधानसभा पहुंचे और धीरे-धीरे राज्य में भाजपा के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे. बीजेपी के विभिन्न पदों पर रहने के बाद नायडू पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए 1998 में चुने गए. इसके बाद से ही 2004, 2010 और 2016 में वह राज्यसभा के सांसद बने.
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