पीएम नरेंद्र मोदी.
नई दिल्ली:
शुक्रवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में बजट समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में पीएम ने बजट को सकारात्मक बताया और कहा कि इसमें किसानों और मध्यम वर्ग के हितों का ध्यान रखा गया है. साथ ही उन्होंने बीजेपी सांसदों को कहा कि वे बजट के बारे में अपने अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को बताएं, वहां जाकर वे टिफ़िन पार्टी करें. लोकसभा चुनाव के दौरान 'चाय पर चर्चा' अभियान चलाने वाले पीएम मोदी अब अपने सांसदों से अपने अपने क्षेत्रों में जाकर 'लंच पर चर्चा' करने को कह रहे हैं.
तीन देशों के दौरे पर जाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. बीजेपी की संसदीय समिति की बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं को लोगों के बीच जाकर काम करने की सलाह दी. पीएम ने सांसदों से कहा कि बूथों पर टिफ़िन पार्टियां करें. उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि बूथों पर अपने-अपने टिफिन लेकर जाएं और लोगों के साथ मिलकर खाना खाएं. उन्होंने कहा कि लोगों के बीच बजट को लेकर बात करें और उन्हें बताएं किस प्रकार यह बजट जनहित में है. पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में बजट को सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि इसमें किसानों और मध्यम वर्ग के हितों का ध्यान में रखा गया. पीएम ने सांसदों से कहा कि बजट में घोषित योजनाओं के बारे में लोगों को बतायें.
बजट सत्र के पहले हिस्से के अंतिम दिन बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने सांसदों को एक कहानी भी सुनाई. गांव के एक व्यक्ति की कहानी जो नौ दिनों तक पूजा करवाता है, पंडितजी से कथा सुनता है, नौ दिन की मेहनत के बाद गांव वालों को भंडारे पर खाने को बुलाता है, और गांव वाले खा-पीकर चले जाते हैं. यानी सांसदों को इशारा साफ था कि ऐसा कब तक चलेगा कि पीएम मेहनत करते रहें और वो गांव वालों की तरह खा पीकर निकलते रहें. उन्हें भी मेहनत करनी होगी, जनता से जुड़ना होगा.
दरअसल, बीजेपी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी अब खुल कर दिखने लगी है. गुजरात में सीटें कम हुईं, राजस्थान में पार्टी लोकसभा उपचुनाव हार गई. अब यूपी में फूलपुर और गोरखपुर के दो महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव 11 मार्च को होने हैं.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी पार्टी नेताओं से चर्चा की. उन्होंने कहा कि किस तरह दोनों सदनों में पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष ने व्यवधान किया. बीजेपी सांसदों ने इसकी निंदा की. अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं वह अलोकतांत्रिक है.
पढ़ें : पीएम मोदी की आज से शुरू फिलीस्तीन, यूएई और ओमान की यात्रा क्यों है महत्वपूर्ण? जानें कारण...
इस बैठक में उपचुनाव को लेकर पर भी पार्टी नेताओं ने न केवल चर्चा की बल्कि रणनीति पर भी विचार किया. 11 मार्च को यूपी की दो और बिहार की एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. आज ही चुनाव आयोग ने इसकी तारीखों की घोषणा की है
पढ़ें : भारत के लिए खाड़ी, पश्चिम एशिया महत्वपूर्ण : पीएम नरेंद्र मोदी
यूपी में गोरखपुर और इलाहाबाद की फूलपुर सीट है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी परसों सारे कार्यक्रम छोड़ कर फूलपुर गए थे. करीब 5000 हजा़र करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट घोषित करके आए थे. तभी लग गया था कि उपचुनाव जल्दी ही घोषित होंगे. ये दोनों सीटें योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई थीं. दोनों ने सितंबर में इस्तीफे दिए थे. छह महीने में चुनाव जरूरी होता है.
VIDEO: पीएम मोदी का राज्यसभा में भाषण
उधर बिहार की भभुआ और जहानाबाद विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव होने हैं. सारी सीटों पर 11 मार्च को वोट डाले जाएंगे. 14 मार्च को वोटों की गिनती होगी.
तीन देशों के दौरे पर जाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. बीजेपी की संसदीय समिति की बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं को लोगों के बीच जाकर काम करने की सलाह दी. पीएम ने सांसदों से कहा कि बूथों पर टिफ़िन पार्टियां करें. उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि बूथों पर अपने-अपने टिफिन लेकर जाएं और लोगों के साथ मिलकर खाना खाएं. उन्होंने कहा कि लोगों के बीच बजट को लेकर बात करें और उन्हें बताएं किस प्रकार यह बजट जनहित में है. पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में बजट को सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि इसमें किसानों और मध्यम वर्ग के हितों का ध्यान में रखा गया. पीएम ने सांसदों से कहा कि बजट में घोषित योजनाओं के बारे में लोगों को बतायें.
बजट सत्र के पहले हिस्से के अंतिम दिन बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने सांसदों को एक कहानी भी सुनाई. गांव के एक व्यक्ति की कहानी जो नौ दिनों तक पूजा करवाता है, पंडितजी से कथा सुनता है, नौ दिन की मेहनत के बाद गांव वालों को भंडारे पर खाने को बुलाता है, और गांव वाले खा-पीकर चले जाते हैं. यानी सांसदों को इशारा साफ था कि ऐसा कब तक चलेगा कि पीएम मेहनत करते रहें और वो गांव वालों की तरह खा पीकर निकलते रहें. उन्हें भी मेहनत करनी होगी, जनता से जुड़ना होगा.
दरअसल, बीजेपी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी अब खुल कर दिखने लगी है. गुजरात में सीटें कम हुईं, राजस्थान में पार्टी लोकसभा उपचुनाव हार गई. अब यूपी में फूलपुर और गोरखपुर के दो महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव 11 मार्च को होने हैं.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी पार्टी नेताओं से चर्चा की. उन्होंने कहा कि किस तरह दोनों सदनों में पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष ने व्यवधान किया. बीजेपी सांसदों ने इसकी निंदा की. अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं वह अलोकतांत्रिक है.
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इस बैठक में उपचुनाव को लेकर पर भी पार्टी नेताओं ने न केवल चर्चा की बल्कि रणनीति पर भी विचार किया. 11 मार्च को यूपी की दो और बिहार की एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. आज ही चुनाव आयोग ने इसकी तारीखों की घोषणा की है
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यूपी में गोरखपुर और इलाहाबाद की फूलपुर सीट है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी परसों सारे कार्यक्रम छोड़ कर फूलपुर गए थे. करीब 5000 हजा़र करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट घोषित करके आए थे. तभी लग गया था कि उपचुनाव जल्दी ही घोषित होंगे. ये दोनों सीटें योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई थीं. दोनों ने सितंबर में इस्तीफे दिए थे. छह महीने में चुनाव जरूरी होता है.
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उधर बिहार की भभुआ और जहानाबाद विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव होने हैं. सारी सीटों पर 11 मार्च को वोट डाले जाएंगे. 14 मार्च को वोटों की गिनती होगी.
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