प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को युवा पुलिस अफसरों (Young Police Officers) से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कोरोना काल में पुलिसिंग के अलावा समाज को मानवीय मदद पहुंचाने वाले अफसरों को बधाई और धन्यवाद दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोनावायरस की महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौरान पुलिस को सबसे ज्यादा वायरस का सामना करना पड़ा लेकिन पुलिस और समाज ने जैसा काम किया है, वो पुलिस की बहुत बड़ी पूंजी है और इसको संभालकर रखना हमारी जिम्मेदारी है. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि युवा पुलिस अफसरों को समझना चाहिए कि 'रूल की अपनी महत्ता है लेकिन रोल उससे भी ज्यादा अहम है. अगर अपना रोल अच्छी तरह से निभाएंगे तो रूल भी अपने आप माने जाएंगे.'
पीएम ने कहा कि 'पुलिस ने कोरोना काल में बहुत से मानवीय काम किए. देश ने देखा कि कोरोना काल में खाकी वर्दी के लोग खाना पहुंचा रहे हैं, गाना गाकर लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं और कहीं-कहीं खुद मरीजों को ले जा रहे हैं. पुलिस का यह मानवीय चेहरा लोगों के मन में स्थिर हो चुका है. लेकिन पुलिस की कोशिशों का असर कलेक्टिव रूप में नहीं दिखा. हमारा जिम्मा है कि टुकड़ों में दिखने वाला मानवीय रूप संगठित रूप से दिखे.'
Interaction with young police officers. https://t.co/J5eX6RI4qx
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2020
पीएम ने सुझाव दिया कि इसके लिए संस्थागत मैनेजमेंट करना होगा. उन्होंने कहा, 'किए जा रहे अच्छे कामों का थाने में हस्तलिखित अंक तैयार करें. अच्छे कामों को प्रसारित करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था करें. ये आपकी विरासत बनेगी. मानवीय व्यवहार की ताकत बहुत बड़ी होगी.' पीएम ने कहा कि खाकी से रौब नहीं, खाकी से गर्व का भाव होना चाहिए.
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पीएम ने कहा कि 'हमारे देश में समाज की शक्ति जबरदस्त है, सरकार से भी अनेकगुना शक्ति समाज में होती है. समाज की सक्रियता के कारण, संकट के समय सरकार पहुंची हो या न पहुंची हो, व्यवस्था पहुंची हो या न पहुंची हो. कोई न कोई जरूर पहुंचा होगा. आंसू पोछे होगे, दवा और खाना पहुंचाया होगा इसलिए हमारे देश में शासन व्यवस्था और पुलिसिंग में जनशक्ति को जोड़ने का प्रयास करना होगा, इससे काम में सरलता होगी, कम प्रयास से ज्यादा नतीजे ले आएंगे, नागरिक इसे अपनी सफलता मानेगा. इससे शासन में बैठे लोगों की ताकत बढ़ जाएगी. समाज की शक्ति की ओर देखेंगे तो खूब लाभ मिलेगा.'
पीएम ने इन युवा अफसरों को सीख देते हुए कहा कि 'एक बात निश्चित है कि आप ट्रेनी है, आपको लगता है कि एक शेल्टर है, सुरक्षात्मक कवच में काम कर रहे हैं. लेकिन बाहर निकलने पर स्थिति बदल जाएगी, लोग साहब समझेंगे, जवाबदेही होगी, आप खुद कैसे काम करते हैं, इसको बारीकी से देखा जाएगा, इसलिए बहुत ज्यादा सावधान रहें. पहली जो छवि बन गई, वो आपके साथ रहेगी.' उन्होंने कहा, 'समाज व्यवस्था का एक दोष रहता है. दो-चार लोग चिपक जाते हैं. पता ही नहीं होता सेवादार कौन होते हैं. उस चक्कर में फंस गए तो निकलना मुश्किल हो जाएगा. अपने विवेक से काम करिए. अपने कान में फिल्टर लगा लीजिए, ताला नहीं. इससे करियर के लिए जरूरी चीजें साथ रहेंगी.'
पीएम ने कहा कि अगर आप प्रभाव पैदा करेंगे तो उम्र कम होती है, प्रेम का सेतु जोड़ेंगे तो लोग सालों तक याद करेंगे.
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