प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोबारा में सत्ता में आने के बाद पहली बार सर्वदलीय बैठक बुलाई है. सोमवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले इस बैठक को बुलाने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि संसद का कार्यवाही सुचारू रूप से चले. कल से शुरू होने वाले सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री सभी पार्टियों से सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि बातचीत और रचनात्मक बहस सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है. प्रधानमंत्री सभी दलों से समर्थन और सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि राज्यसभा में प्रमुख बिलों को पास करवाया जा सके. राज्यसभा में एनडीए अभी भी अल्पमत में है.
संसद भवन में हो रही सर्वदलीय बैठक में राजनाथ सिंह, डेरेक ओ ब्रायन, गुलाम नबी आजाद, सुप्रिया सुले, फारूक अब्दुल्ला, आनंद शर्मा, अनुप्रिया पटेल, अधिरंजन चौधरी, रामगोपाल यादव, डी राजा, संजय सिंह, टीआर बालू, थावरचंद गहलोत, सुदीप बंदोपाध्याय, जयदेव गल्ला, सीएम नरेश, राम मोहन नायडू, एनके प्रेमचंद्रन, के सुरेश, वी विजयसाई रेड्डी, अर्जुन राम मेघवाल, वी मुरलीधरन और प्रहलाद जोशी पहुंचे हैं. लोकसभा में एनडीए के पास 545 में से 353 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा में 245 में से 102 सदस्य एनडीए के हैं.
Delhi: All party meeting underway at Parliament, ahead of the first Parliament session of 17th Lok Sabha tomorrow. pic.twitter.com/030O4Se2Qa
— ANI (@ANI) June 16, 2019
राज्यसभा में एनडीए के अल्पमत में होने की वजह से 'तीन तलाक' जैसे बिल के पास कराने में दिक्कत हो सकती है. तीन तलाक सहित कई बिलों को राज्यसभा में इस सत्र में पेश किया जाना है. पिछली लोकसभा में तीन तलाक बिल राज्यसभा में अटक गया था. ना केवल विपक्ष बल्कि भाजपा के सहयोगी दल नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इसका विरोध किया था.
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