प्रसिद्ध नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई का 97 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानीमानी नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई के निधन पर दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने मृणालिनी साराभाई के बेटे कार्तिकेय साराभाई को पत्र लिखकर उनकी मां के निधन पर शोक जताया है।
बीजेपी के एक नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कार्तिकेय को गुरुवार को पत्र लिखा था और उनकी मां के निधन पर दुख जताया था। कार्तिकेय गुजरात में रहते हैं।
जानीमानी नृत्यांगना एवं पद्म पुरस्कार से सम्मानित मृणालिनी साराभाई शास्त्रीय नृत्य के रूपों की व्यख्याता थीं। उन्होंने अपनी कला का इस्तेमाल आधुनिक समाज की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए किया। उनका वृद्धावस्था संबंधी समस्याओं के चलते गुरुवार को अहमदाबाद में निधन हो गया। वह 97 वर्ष की थीं।
मल्लिका साराभाई ने पीएम मोदी पर साधा था निशाना
इससे पहले दिन में नृत्यांगना मल्लिका साराभाई ने यह दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा कि उन्होंने उनकी मां को श्रृद्धांजलि अर्पित नहीं की। मल्लिका ने फेसबुक पर लिखा कि यह उनकी 'घृणा' मानसिकता दिखाता है। (पढ़ें - मल्लिका साराभाई ने क्या कहा था)
शास्त्रीय नृत्यांगना से सामाजिक कार्यकर्ता बनीं मल्लिका साराभाई ने 2009 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़ी हुई थीं। हालांकि वह चुनाव हार गई थीं।
बीजेपी के एक नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कार्तिकेय को गुरुवार को पत्र लिखा था और उनकी मां के निधन पर दुख जताया था। कार्तिकेय गुजरात में रहते हैं।
जानीमानी नृत्यांगना एवं पद्म पुरस्कार से सम्मानित मृणालिनी साराभाई शास्त्रीय नृत्य के रूपों की व्यख्याता थीं। उन्होंने अपनी कला का इस्तेमाल आधुनिक समाज की समस्याओं को रेखांकित करने के लिए किया। उनका वृद्धावस्था संबंधी समस्याओं के चलते गुरुवार को अहमदाबाद में निधन हो गया। वह 97 वर्ष की थीं।
मल्लिका साराभाई ने पीएम मोदी पर साधा था निशाना
इससे पहले दिन में नृत्यांगना मल्लिका साराभाई ने यह दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा कि उन्होंने उनकी मां को श्रृद्धांजलि अर्पित नहीं की। मल्लिका ने फेसबुक पर लिखा कि यह उनकी 'घृणा' मानसिकता दिखाता है। (पढ़ें - मल्लिका साराभाई ने क्या कहा था)
शास्त्रीय नृत्यांगना से सामाजिक कार्यकर्ता बनीं मल्लिका साराभाई ने 2009 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़ी हुई थीं। हालांकि वह चुनाव हार गई थीं।
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