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This Article is From Apr 02, 2017

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया देश की सबसे लंबी 'चेनानी-नाशरी सुरंग' का उद्घाटन, जानें इसकी ख़ासियतें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया देश की सबसे लंबी 'चेनानी-नाशरी सुरंग' का उद्घाटन, जानें इसकी ख़ासियतें
पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की सबसे लंबी चेनानी-नाशरी सुरंग का उद्घाटन किया.
चनैनी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अत्याधुनिक और देश की सबसे लंबी चेनानी-नाशरी सुरंग का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने सुरंग के अंदर जीप से यात्रा की. इस दौरान सुरंग में वह थोड़ी देर पैदल भी चले. जम्मू से कश्मीर घाटी जाने वाले वाहनों को इस टनल से गुजरना काफी सस्ता पड़ेगा क्योंकि पहले चनैनी से नाशरी तक के 41 किमी लंबे रास्ते काफी टेढ़े मेढ़े और जबरदस्त चढ़ाई वाले थे जिस पर वाहन चलाना काफी मुश्किल होता था. साथ में औसतन तीन लीटर पेट्रोल खर्च भी होता था लेकिन अब यह सफर मात्र 55 रुपये में होगा. इससे महीने में करीब 30 लाख रुपये ईंधन की बचत होगी.
 
pm modi

यह एक ऐसा टनल है, जिसके भीतर और बाहर लगे हैंं 124 सीसीटीवी कैमरे. हर कैमरे की दूरी 75 मीटर है. 360 डिग्री घूमने वाले कैमरे. सुरंग के अंदर घुटन महसूस न हो इसलिए इसे पूरी तरह हवादार बनाया गया है, साथ ही निगरानी के लिए संचार व्यवस्था का दुरुस्त इंतजाम किया गया है.  इस टनल की लबाई है 9.2 किलोमीटर. विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों में आरएफएंडएफएस ट्रांसपोर्ट नेटवर्क लिमिटेड ने देश की सबसे बड़ी सड़क परिवहन टनल का निर्माण रिकॉर्ड साढ़े चार साल में किया है. इसका नाम चनैनी-नाशरी टनल रखा गया है क्योंकि यह जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर चनैनी से शुरू होकर नाशरी नामक स्थान पर जाकर खुलती है. 286 किलोमीटर लंबी जम्मू-श्रीनगर चार लेन राजमार्ग वाली परियोजना का यह हिस्सा 9.2 किलोमीटर लंबी दोहरी ट्यूब सुरंग पर 23 मई 2011 मे शुरू हुआ. इस सुरंग मार्ग पर 3,720 करोड़ रुपए की लागत आई है.
 
pm narendra modi

1200 मीटर की ऊंचाई पर बने इस सुरंग में दो समानातंर ट्यूब हैं. मुख्य ट्यूब का व्यास 13 मीटर है और सुरक्षा ट्यूब या निकास ट्यूब का व्यास छह मीटर है. दोनों ट्यूब में 29 जगहों पर क्रॉस पैसेज है. मुख्य ट्यूब में हर 8 मीटर पर ताजा हवा के लिए इनलेट बनाए गए हैं. हवा बाहर जाने के लिए हर 100 मीटर पर आउटलेट बनाए गए हैं. सुरंग में हर 150 मीटर पर एसओएस बॉक्स लगे हैं. आपातकालीन स्थिति में यात्री इनका इस्तेमाल हॉट लाइन की तरह कर सकेंगे. आईटीसीआर से मदद पाने के लिए यात्रियों को एसओएस बॉक्स खोलकर बस 'हैलो' बोलना होगा. एसओएस बॉक्स में फर्स्ट एड का सामान और कुछ जरूरी दवाएं भी होंगी ताकि किसी तरह का हादसा होने पर उन्हें तुरंत जरुरी मदद मिल सके.

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