पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश में कहीं भी डिटेंशन सेंटर नहीं बन रहे (फाइल फोटो).
पिछले रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से कहा था कि डिटेंशन के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है. देश भर में कहीं भी डिटेंशन सेंटर नहीं बन रहे हैं. लेकिन एनडीटीवी के पास वह पत्र मौजूद हैं जिसमें देवेंद्र फडणवीस ने अपने कार्यकाल में नवी मुंबई में डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए तीन एकड़ जमीन आवंटित करने के लिए कहा था. इस पत्र के बाद अब प्रधानमंत्री के बयान पर सवाल उठ गया है.
दिल्ली के रामलीला मैदान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कहा गया था कि डिटेंशन सेंटर को लेकर देशभर में चल रही सभी खबरें गलत हैं. हालांकि अब प्रधानमंत्री के इस बयान पर ही सवाल उठना शुरू हो गया हैं. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली पिछली बीजेपी-शिवसेना सरकार नवी मुम्बई की एक इमारत को अस्थायी रूप से डिटेंशन सेंटर बनाना चाहती थी. इसी साल 30 अगस्त को नवी मुंबई में सिडको के एमडी को लिखे गए इस पत्र में नगर विकास मंत्रालय की ओर से कहा गया कि केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद अब एक स्थायी डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए तीन एकड़ के एक प्लाट की खोज की जाए. यानी पिछली महाराष्ट्र सरकार डिटेंशन सेंटर बनाने को लेकर पूरी तरह से गंभीर थी. लेकिन अब यह पत्र सामने आने पर पूर्व मुख्यमंत्री सफाई देते हुए नजर आ रहे हैं.
एनडीटीवी के इस एक्सक्लूसिव खबर के बाद मंगलवार को दोपहर में महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रधानमंत्री मोदी के दावों पर सवाल उठाए.
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हालांकि मौजूदा महाराष्ट्र सरकार इस डिटेंशन सेंटर को ज़्यादा तवज्जो देती नजर नहीं आ रही. सोमवार को अपने नेताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह साफ किया कि ऐसा कोई भी डिटेंशन सेंटर वे महाराष्ट्र में नहीं बनने देंगे.
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