कैबिनेट फेरबदल में किसी भी सहयोगी दल से मंत्री नहीं बनाया जाएगा...
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं. इसी क्रम में 6 केंद्रीय मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में नौ नए चेहरे शामिल किए जाएंगे. सुबह 10:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस फेरबदल में किसी भी सहयोगी दल से मंत्री नहीं बनाया जाएगा, ये लगभग साफ हो चुका है. बड़ा सवाल जो सबके जेहन में है, वह यह है कि आखिरकार इस बार पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नए चेहरों का चयन किस आधार पर किया है?
सूत्रों के मुताबिक इस बार चयन का आधार चार P रहे. ये चार P हैं : पैशन, प्रोफेएंसी, प्रोफेशनल और पॉलिटिकल एक्यूमेन यानी राजनीतिक कौशल. मोटे तौर पर कहा जाए तो काम के प्रति जुनून, दक्षता, पेशेवराना अंदाज और राजनीतिक कुशलता के आधार पर इन नए चेहरों का चयन किया गया है.
पढ़ें: कैबिनेट में फेरबदल: जानें कौन से 9 नए चेहरे मंत्रिमंडल में हो सकते हैं शामिल
पीएम मोदी लगातार अपने बेहतर प्रदर्शन करने वाले सदस्यों के रिकॉर्ड पर नजर बनाए रखते हैं. माना जा रहा है कि नए मंत्रियों के लिए संदेश साफ रहेगा कि वे पदभार ग्रहण करते ही कम समय में बेहतर काम करके दिखाएं क्योंकि मोदी सरकार कार्यकाल दो साल से भी कम का बचा है. ऐसे में इतने कम समय में उन्हें बहुत कुछ करके दिखाना होगा. विकास और गुड गवर्नेंस के अलावा गरीबों, शोषितों और वंचित वर्ग के लिए काम करना होगा.
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी की नई कैबिनेट ही तय करेगी 2019 का रास्ता, सामने खड़ी हैं ये चुनौतियां
नए चेहरों में कई के पास पेशेवर कौशल है. उन्हें प्रशासनिक और सरकार चलाने का अनुभव है. सबसे बड़ी बात यह है कि नए मंत्री काफी पढ़े लिखे हैं. कई के पास पीएचडी डिग्री है. सभी मंत्री समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं. जातिगत समीकरण को ध्यान में रखने के अलावा राज्यों के प्रतिनिधित्व को भी तवज्जो दी गई है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश से लेकर केरल, कर्नाटक, राजस्थान से लेकर दिल्ली, मध्यप्रदेश और बिहार के सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक अनंत हेगड़े, वीरेंद्र कुमार और हरदेव सिंह पुरी को मंत्री बनाया जाएगा.
VIDEO : मोदी कैबिनेट में कई नए चेहरों को मिलेगी जगह: सूत्र
सूत्रों के अनुसार मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह तथा पूर्व गृह सचिव और बिहार के आरा से सांसद आरके सिंह को भी मंत्री बनाया जाएगा. गजेंद्र सिंह, केजे अल्फोंस, शिवप्रताप शुक्ला और अश्विनी चौबे को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है.
सूत्रों के मुताबिक इस बार चयन का आधार चार P रहे. ये चार P हैं : पैशन, प्रोफेएंसी, प्रोफेशनल और पॉलिटिकल एक्यूमेन यानी राजनीतिक कौशल. मोटे तौर पर कहा जाए तो काम के प्रति जुनून, दक्षता, पेशेवराना अंदाज और राजनीतिक कुशलता के आधार पर इन नए चेहरों का चयन किया गया है.
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पीएम मोदी लगातार अपने बेहतर प्रदर्शन करने वाले सदस्यों के रिकॉर्ड पर नजर बनाए रखते हैं. माना जा रहा है कि नए मंत्रियों के लिए संदेश साफ रहेगा कि वे पदभार ग्रहण करते ही कम समय में बेहतर काम करके दिखाएं क्योंकि मोदी सरकार कार्यकाल दो साल से भी कम का बचा है. ऐसे में इतने कम समय में उन्हें बहुत कुछ करके दिखाना होगा. विकास और गुड गवर्नेंस के अलावा गरीबों, शोषितों और वंचित वर्ग के लिए काम करना होगा.
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नए चेहरों में कई के पास पेशेवर कौशल है. उन्हें प्रशासनिक और सरकार चलाने का अनुभव है. सबसे बड़ी बात यह है कि नए मंत्री काफी पढ़े लिखे हैं. कई के पास पीएचडी डिग्री है. सभी मंत्री समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं. जातिगत समीकरण को ध्यान में रखने के अलावा राज्यों के प्रतिनिधित्व को भी तवज्जो दी गई है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश से लेकर केरल, कर्नाटक, राजस्थान से लेकर दिल्ली, मध्यप्रदेश और बिहार के सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक अनंत हेगड़े, वीरेंद्र कुमार और हरदेव सिंह पुरी को मंत्री बनाया जाएगा.
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सूत्रों के अनुसार मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह तथा पूर्व गृह सचिव और बिहार के आरा से सांसद आरके सिंह को भी मंत्री बनाया जाएगा. गजेंद्र सिंह, केजे अल्फोंस, शिवप्रताप शुक्ला और अश्विनी चौबे को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है.
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