आनंद शर्मा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सार्वजनिक कंपनियों के बजाय कुछ निजी फर्मों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जिन्होंने 2015 में रूस की एक कंपनी के साथ हीरा खरीद समझौता किया था. आरोप है कि इस सौदे के समय सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी और हिंदुस्तान डायमंड्स को ‘किनारे’ कर निजी कंपनियों को ‘बढ़ावा दिया’ गया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यह आरोप लगाए. उन्होंने प्रधानमंत्री से यह स्पष्ट करने की मांग की कि ‘क्यों उन्होंने सार्वजनिक कंपनियों को किनारे किया और निजी कंपनियों को आगे बढ़ाया. इन (निजी कंपनियों) में से कुछ बैंकों के साथ धोखाधड़ी के लिए जांच के दायरे में हैं.’
इसके साथ ही शर्मा ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा की गई बैंक धोखाधड़ी के मामले में आगे आकर ईमानदारी से जवाब नहीं देने के लिए मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा.
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बैंकिंग क्षेत्र की हालत को ‘बेहद नाजुक’ बताते हुए शर्मा ने कहा कि सरकार को बैंकों की स्थिति पर ‘श्वेत पत्र’ लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बैंक धोखाधड़ी करने वाले चूककर्ताओं और कंपनियों (दोनों) ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली के सामने खतरा खड़ा किया है. ‘बैकिंग व्यवस्था में तत्काल पूंजी डालने की जरूरत है लेकिन सरकार के पास पर्याप्त कोष नहीं है.’
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शर्मा ने कहा कि दिसंबर 2015 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान ‘प्रधानमंत्री मोदी निजी तौर पर उपस्थित थे और 12 हीरा कंपनियों तथा अल रोजा (रूस) के बीच हीरा खरीद समझौते के लिए मदद की.’ इसमें मुख्यत: गुजरात और मुंबई की कंपनियां शामिल थीं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसके साथ ही शर्मा ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा की गई बैंक धोखाधड़ी के मामले में आगे आकर ईमानदारी से जवाब नहीं देने के लिए मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा.
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