किसान आंदोलन के बीच फिक्की में बोले PM मोदी- हटाई जा रही कृषि क्षेत्र की दीवारें, अन्नदाताओं को मिलेगा फायदा

PM Modi At FICCI AGM: पीएम मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान इतने उत्तर चढ़ाव से देश और दुनिया गुजरी है कि कुछ वर्षों बाद जब हम कोरोना काल को याद करेंगे तो शायद यकीन ही नहीं आएगा. लेकिन अच्छी बात ये रही कि जितनी तेजी से हालात बिगड़े, उतनी ही तेजी के साथ सुधर भी रहे हैं.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार को भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) की 93वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) और एनुअल मीटिंग के उद्घाटन सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया. किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फ़ूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैंय अब है सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं. इन सुधारों के बाद किसानों को नए बाजार,नए विकल्प और टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा. देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा. इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा. इन सबका सबसे ज्यादा फायदा मेरे देश के किसान को होने वाला है.

उन्होंने फिक्की के कार्यक्रम में कहा कि आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है. आज भारत में मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया गया है. इन सारे प्रयासों का लक्ष्य यही है कि किसानों की आय बढ़े, देश का किसान समृद्ध हो. जब देश का किसान समृद्ध होगा तो देश भी समृद्ध होगा.

प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था को क्षेत्रों के बीच बाधाओं या अड़चनों की जरूरत नहीं है बल्कि एक पुल की जरूरत है ताकि एक क्षेत्र दूसरे का समर्थन कर सके. पिछले कुछ सालों में इस तरह की बाधाओं को दूर करने के लिए हमने सुधार किए हैं. पिछले 6 वर्षों में भारत ने भी ऐसी ही सरकार देखी है, जो सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ देशवासियों को आगे ले जाने के लिए काम कर रही है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक जीवंत अर्थव्यवस्था में, जब एक क्षेत्र बढ़ता है तो इसका सीधा असर अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ता है. हम जो सुधार कर रहे हैं, वे ऐसे सभी अनावश्यक ढांचे को हटा रहे हैं. कृषि क्षेत्र इसका एक ऐसा ही उदाहरण है. 

उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान इतने उत्तर चढ़ाव से देश और दुनिया गुजरी है कि कुछ वर्षों बाद जब हम कोरोना काल को याद करेंगे तो शायद यकीन ही नहीं आएगा. लेकिन अच्छी बात ये रही कि जितनी तेजी से हालात बिगड़े, उतनी ही तेजी के साथ सुधर भी रहे हैं.

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