विज्ञापन
This Article is From Jan 23, 2022

'भुला दिए गए नायकों को याद किया जा रहा', नेताजी के होलोग्राम स्टैच्यू के अनावरण पर बोले पीएम मोदी

केंद्र सरकार ने इस साल गणतंत्र दिवस समारोह को 23 जनवरी से शुरू करने का भी फैसला किया है, जो नेताजी की जयंती का दिन है. होलोग्राम प्रतिमा रोशनी के जरिये आभासी तरीके से दिखाई जाती है. बाद में यहां 28 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम स्टैच्यू इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi)  ने रविवार को इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose Hologram Statue) की 125वीं जयंती पर उनके होलोग्राम स्टैच्यू का उद्घाटन किया. यहीं पर नेताजी की आदमकद प्रतिमा जल्द ही स्थापित की जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि देश के स्वाधीनता संग्राम में नेताजी का योगदान अविस्मरणीय है. आजादी के संघर्ष में अहम योगदान देने वाले इन नायकों को अब याद किया जा रहा है. पीएम मोदी ने सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी बांटे. ये पुरस्कार 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए बांटे गए. इस समारोह के दौरान कुल सात सम्मान बांटे गए.

अब 23 जनवरी से मनेगा गणतंत्र दिवस समारोह, सुभाष चंद्र बोस की जयंती भी होगी शामिल

केंद्र सरकार ने सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन के वार्षिक पुरस्कार की घोषणा की थी. यह पुरस्कार आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में संगठनों और व्यक्तियों की निस्वार्थ सेवा के लिए दिया गया है. केंद्र सरकार ने इस साल गणतंत्र दिवस समारोह को 23 जनवरी से शुरू करने का भी फैसला किया है, जो नेताजी की जयंती का दिन है. होलोग्राम प्रतिमा रोशनी के जरिये आभासी तरीके से दिखाई जाती है. बाद में यहां 28 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी. प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग को सम्मानित किया गया. उन्होंने 2021 के लिए राजेंद्र कुमार भंडारी को भी आपदा प्रबंधन क्षेत्र में भी सम्मानि किया. वर्ष 2022 में विनोद कुमार वर्मा को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सम्मानित किया है, जिन्होंने सिक्किम  में डिजास्टर मैनेजमेंट क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रतिमा सुभाष चंद्र बोस के देश के लिए योगदान के लिए एक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने कहा था कि हमें आजादी भीख में नहीं चाहिए और इसके लिए उन्होंने स्वाधीनता संघर्ष छेड़ा. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां आपदा प्रबंधन को लेकर लचर रवैया रहा है. गुजरात में भुज में भूकंप के बाद आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कानून बनाने वाला पहला राज्य बना. बाद में 2005 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने गुजरात के कानून की तर्ज पर नया कानून बनाया. आपदा प्रबंधन कानून ने कोरोना के खिलाफ जंग में बेहतरीन कार्य किया है. हमने रिलीफ, रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन के क्षेत्र में अथक कार्य किया है. स्पेस टेक्नोलॉजी से लेकर प्लानिंग मैनेजमेंट तक आधुनिक तकनीकों को अपनाया. केंद्रीय और राज्यों के आपदा प्रबंधन बलों को संयोजित तरीके से जोड़ा गया है. 

पीएम मोदी ने कहा, यह वक्त किसी भी आपात स्थिति में लोगों की मदद के लिए काम करने वाले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल औऱ राज्यों के आपदा मोचन बल के जवानों की सराहना का है. देश में कोरोना के साथ भूकंप और तूफानों का भी सामना किया है, इस कारण हम आपदाओं के दौरान भी ज्यादा से ज्यादा जानमाल को बचाने में सफल रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए भारत को सराहना मिल रही है. सभी एजेंसियां आज मिलकर आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करती है. बाढ़, सूखा और अन्य सभी आपदाओं के लिए वार्निंग सिस्टम में सुधार किया है. राज्यों की मदद से अलग-अलग क्षेत्रों के लिए डिजास्टर मैप तैयार किए गए हैं. आपदा प्रबंधन आज जनभागीदारी और जन विश्वास का विषय बन गया है. आपदा मित्र के तौर पर भी युवा साथ में जुड़ रहे हैं. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com